देहरादून: नतीजों से पहले सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस में ज़बरदस्त जुबानी वार-पलटवार चल रहा है। जहां, हार-जीत को लेकर दोनों दलों की तरफ से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, तो वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत से लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी तक को नहीं बख़्शा जा रहा है। आज भाजपा के लोहाघाट विधायक पूरण फर्त्याल ने हरदा पर हमला बोला तो जवाबी हमला कांग्रेस की गढ़वाल मीडिया प्रभारी व प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने किया।
भाजपा विधायक फर्त्याल ने हरदा पर हमलावर होते कहा कि कांग्रेस कैंपेन के मुखिया होने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री रावत अपनी सीट लालकुआं और अपनी बेटी की सीट हरिद्वार ग्रामीण में फँसकर रह गए। फर्त्याल ने पूछा कि कैपेन के मुखिया होने के नाते रावत बताएँ कितनी सीटों पर प्रचार करने गए। भाजपा विधायक ने हरदा पर अल्मोड़ा तराई-मैदान की तरफ राजनीतिक पलायन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पलायन पर बोलने का उनको कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उनकी करनी-कथनी में फर्क है। पूरन फर्त्याल ने कहा कि वे आज चुनाव में जिस हालात में हरीश रावत उलझ कर रह गए उसके बाद वे उनको पूरे उत्तराखंड का नेता नहीं मानते हैं।
अब भाजपा विधायक की तरफ से किए वार पर कांग्रेस प्रवक्ता और गढ़वाल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी ने पलटवार किया है। कांग्रेस नेता दसौनी ने कहा कि हरीश रावत पूरन फर्त्याल और भाजपा के नेता नहीं बल्कि कांग्रेसियों के नेता हैं लिहाजा फर्त्याल को उनको नेता मानने की जरूरत भी नहीं है। गरिमा ने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल के चलते चुनाव प्रचार में काफी समय तक रैलियों-रोड शो की पाबंदी थी लेकिन जैसे ही चुनाव आयोग ने ढील दी हरीश रावत तमाम क्षेत्रों में पहुँचे। गरिमा ने कहा कि इसके मुकाबले मुख्यमंत्री होने के चलते सारी भाजपा पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ खड़ी थी लेकिन धामी खटीमा नहीं छोड़ पाए और जो नेता दिल्ली से प्रचार करने आए वे भी भाजपा का फायदा करने की बजाय सब गुड़-गोबर कर गए। गरिमा ने यह भी कहा कि हरदा अब तक आए तमाम सर्वे में सीएम चेहरे के तौर पर सबसे ज्यादा पसंद किए गए हैं।