देहरादून/पिथौरागढ़: आर्मी सेंटर में पोस्टल बैलेट के जरिए एक ही व्यक्ति द्वारा कई लोगों के वोट पर टिक लगाने व हस्ताक्षर करने संबंधी सोशल मीडिया में वायरल वीडियो को लेकर मुकदमा दर्ज हो गया है। पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा मंगलवार को सोशल मीडिया में शेयर वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है जिसके बाद पिथौरागढ़ की कोतवाली डीडीहाट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
वायरल वीडियो में सेना की वर्दी में दिख रहा एक नौजवान कई लोगों के पोस्टल बैलेट से वोटिंग करता दिख रहा है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पता चला है कि ये पिथौरागढ़ की डीडीहाट विधानसभा सीट से जुड़ा है और इसी के चलते यहाँ से कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप पाल ने डीडीहाट आरओ अनुराग आर्या को ज्ञापन देकर जाँच की मांग की थी।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने इस वीडियो को ट्विटर और फेसबुक पर साझा किया तब जाकर मामला गरमाया और चुनाव आयोग की नींद भी टूटी। इसके बाद कोतवाली डीडीहाट में जन प्रतिनिधित्व एक्ट व मतदान गोपनीयता भंग करने संबंधी IPC की विभिन्न धाराओं- 153 D, S और 124 तथा 128 के तहत अज्ञात के खुलाफ केस दर्ज कर लिया है। साथ ही एसपी लोकेश्वर सिंह ने वायरल वीडियो संबंधी इस मामले की निष्पक्ष जांच का दावा किया है। लेकिन इस मामले सीएम पुष्कर सिंह धामी का गैर-ज़िम्मेदाराना और बचकाना बयान सामने आया है। जबकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी इस संगीन मसले की जांच की मांग करने की बजाय इसे सेना के अपमान का मुद्दा बताकर सियासी रोटियां सेंकने का दांव खेला है।
दरअसल हरीश रावत ने मंगलवार को एक वायरल वीडियो शेयर किया था जिसमें एक आर्मी सेंटर में एक ही व्यक्ति द्वारा कईयों के पोस्टल बैलेट पर टिक लगाने और हस्ताक्षर करने का दावा किया गया था। क़ायदे से अपनी तरह के इस बेहद संगीन मामले की निष्पक्ष जांच से दूध का दूध और पानी का पानी करने की वकालत की जानी चाहिए थी। लेकिन न मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस मामले में सच्चाई नजर और न ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक इस पर सियासी बयान देने से चूके।
बुधवार को हल्द्वानी में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हार के डर से हरीश रावत अपना फेस बचाने को फेक वीडियो बनाकर शेयर कर रहे हैं। धामी ने कहा कि हरीश रावत और उनकी पार्टी द्वारा फेक वीडियो बनाकर शेयर किया जा रहा है जो उनकी हार दर्शाता है। सीएम धामी ने कहा कि ईवीएम और पोस्टल बैलेट पर जिस तरह से प्रश्नचिह्न खड़े किए जा रहे यह प्रमाण है कि कांग्रेस और हरीश रावत ने हार स्वीकार कर ली है।
जबकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी इसे सेना और संवैधानिक संस्थानों के अपमान का मुद्दा बता दिया है। कौशिक ने कहा कि राजनीतिक विद्वेष के चलते हरीश रावत ने सैनिकों के मतपत्रों की फर्जी वीडियो जारी किया है और बिना पुख़्ता प्रमाण और जांच के कांग्रेस नेता का सैनिकों के मतदान के लेकर चुनाव की गोपनीय प्रक्रिया का वीडियो वायरल करना भारतीय सेना का अपमान है। कौशिक ने कहा यह साबित करता है कि कल तक दिवंगत जनरल बिपिन रावत के कट आउट लगाकर प्रचार करना कांग्रेस का वीर जवानों के प्रति सम्मान ढकोसला मात्र था।
सवाल है कि जिस वायरल वीडियो को बेहद संगीन मसला मानते हुए चुनाव आयोग केस दर्ज कर निष्पक्ष जांच की हिदायत दे रहा, उसे लेकर सत्ताधारी दल सेना के अपमान का मुद्दा बताकर सिर्फ सियासी रोटियां क्यों सेंक लेना चाह रहा है?
खासतौर पर जिस तरह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस वीडियो को ही फेक बताकर हरीश रावत और कांग्रेस द्वारा तैयार करने जैसा गैर-ज़िम्मेदाराना बयान दिया है वह कई सवाल खड़े करता है। जबकि मामले की गंभीरता इसी से समझी जा सकती है कि पिथौरागढ़ पुलिस मुकदमा दर्ज कर वायरल वीडियो की सत्यता की पड़ताल कर रही है।