देहरादून: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी तीन दिवसीय उतराखंड दौरे पर हैं। लेकिन उनके दौरे को लेकर अब सियासी बवाल छिड़ गया है। कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उत्तराखंड दौरे के लिए आखिर कौन से मानकों के तहत धामी सरकार द्वारा स्टेट प्लेन भेजा गया?
कांग्रेस प्रवक्ता और गढ़वाल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी ने सवाल खड़ा किया है कि जो राज्य 70 हजार करोड़ के कर्ज में डूबा हुआ है, उस राज्य के मुख्यमंत्री अपने राजनीतिक गुरु की आवभगत के नाम पर अनाप-शनाप खर्चे कर रहे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अगर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक गुरु हैं तो या तो खुद मुख्यमंत्री अपनी जेब से खर्चा करें या फिर भाजपा संगठन वहन करें उनकी आवभगत पर अनाप-शनाप ख़र्चे।
कांग्रेस ने सवाल किया है कि राज्यपाल का स्वागत-सत्कार महाराष्ट्र सरकार करे न कि उत्तराखंड सरकार। या फिर धामी सरकार नियम बना डाले कि राज्य के तमाम पूर्व मुख्यमंत्रियों और हर राज्य के राज्यपाल की अगवानी में दो कैबिनेट मंत्री और स्टेट प्लेन मुहैया कराएगी।
ज्ञात हो कि इससे पहले भी बीजेपी सरकार की फजीहत हो चुकी जब प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की हेलिकॉप्टर से उड़कर गार्ड ऑफ ऑनर लेते की तस्वीरें वायरल हुई थी। उसी दौरान बीजेपी की सह प्रभारी रेखा वर्मा की भी लखीमपुर खीरी में उत्तराखंड सरकार के हेलिकॉप्टर से यात्रा करते तस्वीरें वायरल हुई थी। इस पर कांग्रेस ने हल्ला मचाया तो बाद में बीजेपी ने ये खर्च खुद वहन करने का वादा कर पिंड छुड़ाया था। अब धामी सरकार भगतदा के स्टेट प्लेन से मुफ्त सफर कराकर विवादों में घिर गई है।
आखिर किन मानकों के तहत लेने गया भगत सिंह कोश्यारी को उत्तराखंड का स्टेट प्लेन-गरिमा मेहरा दसौनी
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा मेहरा दसौनी ने राज्य सरकार पर हमला बोला है।
गरिमा मेहरा दसौनी,मीडिया प्रभारी,गढ़वाल मण्डल
दसोनी ने कहा की एक तरफ राज्य सरकार के पास अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने तक के पैसे नहीं है दूसरी तरफ लगातार बाजार से उधार उठाना पड़ रहा है ।जिसकी वजह से आज मात्र 20 सालों में राज्य पर 70 हजार करोड़ का कर्ज हो चुका है ऐसे में वह कौन से मानक हैं जिनके तहत महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के लिए राज्य सरकार न सिर्फ स्टेट प्लैन भेजती है बल्कि उसमें बैठकर दो मंत्री गार्ड ऑफ ऑनर भी देने जाते हैं। दसौनी ने कहा की कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं तो महाराष्ट्र सरकार को उनके आने-जाने की व्यवस्था करनी
चाहिए, भाजपा को अपने नेता की आवभगत के लिए राज्य की जनता पर वित्तीय बोझ डालने का क्या मतलब?? दसौनी ने यह भी कहा की या तो सरकार वादा करें कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आज के बाद आवागमन के लिए स्टेट प्लेन मुहैया कराए जाएंगे ।
दसौनी ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का अपने राजनीतिक गुरु के लिए इतना प्रेम उमड़ रहा है तो वह या तो भाजपा संगठन से इस फिजूल खर्चे का भुगतान करवाएं या फिर व्यक्तिगत तौर पर इस खर्च को वहन करें।
दसोनी ने कहा की जिस राज्य की जनता का बाल बाल रुआ रुआ कर्ज में डूबा हो उस जनता को इस तरह के खर्च से कोई लेना देना नही।
दसोनी ने राज्य सरकार को चेताया कि इस तरह के अनाप-शनाप खर्चों से पहले ही प्रचंड बहुमत और डबल इंजन की सरकार राज्य के ऊपर बहुत ज़्यादा वित्तीय बोझ डाल चुकी है अब कम से कम इस राज्य पर और राज्य की जनता पर सरकार रहम करे।