न्यूज़ 360

उत्तराखंड में बेमौसमी बारिश का कहर: अल्मोड़ा में मलबे में दबने से पांच की मौत, हल्द्वानी में गौला पुल डैमेज, खतरे के निशान से ऊपर गंगा, आज गढ़वाल में राहत पर कुमाऊं में भारी बारिश, Orange Alert जारी

Share now

देहरादून: मॉनसून गुजर गया लेकिन बेमौसमी बारिश ने दो दिन में उत्तराखंड में जमकर कहर बरपा दिया है। बारिश और बर्फ़बारी के सितम से जहां आम जनजीवन ख़ासा प्रभावित हुआ है वहीं कई सड़क और पुल भी डैमेज हो गए हैं। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार मंगलवार को गढ़वाल क्षेत्र मे मौसम के सितम से थोड़ी राहत जरूर मिल सकती है। मौसम दिनभर साफ रहने के आसार हैं। लेकिन कुमाऊं में कई हिस्सों में भारी से बेहद भारी बारिश देखने को मिल सकती है।
के पिथौरागढ़, चंपावत और नैनीताल आदि जिलों में भारी बारिश का दौर जारी रह सकता है।


मौसम विज्ञान केन्द्र निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ का जो दबाव उत्तराखंड पर बना हुआ था उसका असर अब कम हो रहा है। मंगलवार को कुमाऊं के कुछ इलाक़ों में भारी से बहुत भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा।

लगातार पहाड़ों पर पड़ी बारिश के बाद अब ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे निचले इलाक़ों में रह रहे लोग दहशत में हैं।

दो दिनों से जारी बारिश के दौर ने अल्मोड़ा में पांच ज़िंदगियाँ लील ली हैं। जिले के भिकियासैंण तहसील के रापड़ गांव में पहाड़ी से मलबा आने से एक मकान ध्वस्त हो गया। हादसे में तीन लोग ज़मींदोज़ हो गए। कपकोट के भनार गांव में पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। जबकि हीरा डुंगरी में भी मलबे से दबने से एक किशोरी की मौत हो गई।
वहीं हल्द्वानी में गौला नदी पर करोड़ों की लागत से बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके बाद इस पुल ये यातायात को बंद करना पड़ा है। पुल का हिस्सा ध्वस्त होने से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, गौलापार के ग्रामीण क्षेत्र तथा काठगोदाम बाइपास व नैनीताल सहित चोरगलिया सितारगंज का संपर्क कट गया है।

ऊँचाई वाले इलाक़ों में बर्फ़बारी ने स्थानीय ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बदरीनाथ, केदारनाथ से लेकर यमुनोत्री-गंगोत्री और धारचूला-मुनस्यारी के ऊँचाई वाले इलाक़ों में बर्फ़बारी होने से ठंड के साथ-साथ कई तरह की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!