- IAS दीपक रावत मनपसंद जगह वापस जा चुके
- पॉवर कपल को पुराने रुतबे के हिसाब से ताकतवर विभाग देने की पटकथा तैयार!
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की करनी और कथनी के अंतर का नया नजारा जल्द फिर से देखने को मिले तो चौंकिएगा हरगिज नहीं! दरअसल ‘नौकरशाही को नकेल’ डालने की जिस पटकथा को खूब पेश किया जा रहा था उसकी फिर हवा निकलती दिखाई दे सकती है! ज्ञात होगा कि IAS दीपक रावत ऊर्जा निगमों के एमडी पद छोड़कर वापस अपनी मनपसंद तैनाती पा चुके हैं। अब सत्ता के गलियारे से सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि रुठे पॉवर कपल को भी मनाने की तैयारी हो रही है! धामी राज में मुख्यमंत्री कार्यालय में आनंद वर्धन कैंप ताकतवर होकर उबरा है लेकिन अब पॉवर कपल को तवज्जो देकर बैलेंस करने की पटकथा भी लिखी जा सकती है।
अब कहने को कार्मिक विभाग से तमाम IAS अधिकारियों को आचरण नियमावली का पुनर्पाठ याद कराते हुए बाकायदा चिट्ठी जारी कराकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजनीतिक या किसी अन्य तरह के दबाव से बचने की सख्त हिदायत दी थी। जानकार कहते हैं कि पिछले 21 सालों में किसी मुख्यमंत्री द्वारा बाक़ायदा चिट्ठी जारी कराकर आईएएस अधिकारियों को हिदायत देने का यह इकलौता वाक़या देखने में आया है। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्त हिदायत का जवाब प्रदेश की ताकतवर नौकरशाही ने पहले ही ट्रांसफर-पोस्टिंग के दौरान दे दिया। तीन रसूखदार आईएएस अधिकारी (शायद मुख्यमंत्री धामी को उन्हीं के लिए चिट्ठी तक जारी करानी पड़ी हो) एक हफ्ते तक मुख्यमंत्री को नए विभागों में तैनाती न लेकर छकाते हैं और फिर IAS दीपक रावत हफ्तेभर से पहले ही अपनी पुरानी तैनाती पा जाते हैं। इसको आप कार्मिक विभाग की उस चिट्ठी को उनका ठेंगा भी समझ सकते हैं या फिर कुंभ मेलाधिकारी के नाते अधूरे रह गए कामों को पूरा करने की विवशता वापस हरिद्वार भेजे जाने की वजह बन गई ये भी मान सकते हैं, मर्ज़ी आपकी है।
पॉवर कॉरिडोर्स में आज का हल्ला यही है कि ताकतवर हो चुके आनंद वर्धन कैंप के मुकाबले रुठे पॉवर कपल को पूर्व की भाँति रुतबे के हिसाब से विभाग देकर मनाया जा सकता है। अब यह तो पॉवर कॉरिडोर्स का गपशप ठहरा इसमें सत्यता कितनी है इसका पता तो तभी चल जाएगा जब नौकरशाही के तबादलों की नया आदेश सामने आएगा।