बेरोजगार युवाओं को साम, दाम, दंड, भेद अपनाकर खामोश कराने पर क्यों आमादा है धामी सरकार ?

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Uttarakhand News: एक तरफ एक के बाद एक भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे और दूसरी तरफ, विधानसभा के बैकडोर भर्ती भ्रष्टाचार पर स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण का करीब ढाई सौ कर्मचारियों को बर्खास्त कर देना बताता है कि राज्य में सरकारी नौकरियों का सपना देखना मेहनती युवाओं के लिए अंधेरे कुएं में सुई खोजने जैसा काम हो चुका है। लेकिन राज्य के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार शायद सबकुछ जानकर भी अनजान बनने की असफल कोशिश कर रही है। अगर ऐसा नहीं होता तो ना बुधवार आधी रात्रि को गांधी पार्क के बाहर धरना दे रहे बेरोजगार युवाओं पर धामी सरकाए एक्शन कराती और फिर ना ही अगले दिन लाठीचार्ज कर बेरोजगारों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया होता।

चिंताजनक यह है कि धामी सरकार अभी भी संभलने को तैयार नहीं है और सिर्फ चंद अधिकारियों के हवाले पूरी समस्या छोड़कर हाथ पर हाथ धरकर बैठ गई है। ऊपर से सत्याग्रह कर रहे बेरोजगार युवाओं के संघ के प्रतिनिधियों के नाम पर मुख्यमंत्री के सलाहकार उनको कुछ छद्म लोगों से मिलाकर दावा ठोक देते हैं कि “ऑल इज वेल” है और दिखाया जा रहा कि बेरोजगारों ने सीएम को फूलों का गुलदस्ता देकर उनका आभार जताया है।

जाहिर है शहीद स्मारक पर सत्याग्रह कर रहे बेरोजगार युवाओं ने जैसे ही सीएम पुष्कर सिंह धामी की टीम द्वारा जारी फोटो और अपडेट देखा तत्काल इसका खंडन कर कहा गया कि हमारा कोई डेलीगेशन नहीं मिला आज मुख्यमंत्री से। इसके बाद सरकार भी इस मुलाकात को लेकर जारी की गई अपनी जानकारी को अपडेट करती रही।

सवाल है कि आखिर धामी सरकार पुलिस और प्रशासन,मीडिया मैनेजमेंट और दूसरे हथकंडों को अपनाकर हासिल क्या करना चाहती है? डेडलॉक खत्म कर इस समस्या के समाधान की तरफ जाने की बजाय सरकार पुलिस के डंडे को अहमियत दे रही है।

यहां पढ़िए सरकार का संशोधित स्टेटमेंट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में बेरोजगार संघ एवं पीसीएस मुख्य परीक्षा अभ्यर्थी संघ के प्रतिनिधियों ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि गत दिनों देहरादून में धरना प्रदर्शन के दौरान कुछ अभ्यर्थियों पर विभिन्न धाराओं के तहत करवाई चल रही है, उनको कल होने वाली लेखपाल भर्ती की लिखित परीक्षा की अनुमति दी जाए।

मुख्यमंत्री ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि इन बच्चों को लेखपाल भर्ती की लिखित परीक्षा देने के लिए निर्धारित परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने और वहां से लाने की व्यवस्था की जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने के लिए राज्य में नकल विरोधी अध्यादेश लागू किया जा चुका है। भर्ती परीक्षाओं में तेजी लाई जा रहा है। राज्य के युवाओं को लगातार रोजगार के अवसर मिले, इसके लिए रिक्त पदों पर जल्द और विज्ञप्तियां निकाली जाएंगी। आगामी परीक्षाओं के लिए कैलेंडर जारी किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो नकल विरोधी कानून लागू किया गया है, उसमें गड़बड़ी करने वालों को सख्त सजा का प्राविधान किया गया है। उन्होंने सभी प्रदेश के युवाओं से अपील की है कि पूरी मेहनत से परीक्षा की तैयारी में जुट जाएं।

बेरोजगार संघ के प्रतिनिधियों ने राज्य में सख्त नकल विरोधी अध्यादेश लागू किए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेंडर जारी किए जाने की पहल की भी उन्होंने सराहना की।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, बेरोजगार संघ से खजान सिंह राणा सहित पीसीएस मुख्य भर्ती परीक्षा अभ्यर्थी के सदस्य निधि गोस्वामी, शैलेश सती, दीपक बेलवाल, बृजमोहन जोशी, सतपाल सिंह एवं आलोक भट्ट मौजूद थे।


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