Chamoli Accident 12 की मौत: एक के बाद एक सड़क हादसों से कब सबक लेगी सरकार ? ओवरलोडेड वाहन मौत बन दौड़ रहे पहाड़ की सड़कों पर सोया परिवहन महकमा

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Chamoli Accident 12 died,CM announced Rs. 2-2 lakh compensation: उत्तराखंड के चमोली जिले की उर्गम घाटी में निर्माणाधीन उर्गम पल्ला जखोला मोटर मार्ग पर हुए हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम को पल्ला गांव के पास गहरी खाई में गिरे इस ओवरलोडेड वाहन में 17 लोग सवार थे। खाई इतनी गहरी थी कि इसमें गिरते ही वाहन के परखच्चे उड़ गए और हाहाकार चीत्कार मच गया।

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घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने इस पर गहरा दुख जताते हुए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश देते हुए मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए का मुआवजा देने का एलान कर दिया। सीएम धामी ने डीएम हिमांशु खुराना से फोन पर बातचीत कर राहत और बचाव कार्यों की रिपोर्ट लेते हुए घायलों को समुचित उपचार मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।

सवाल है कि आखिर दो महिलाओं समेत 12 लोगों की यूं हुई इस दर्दनाक मौत का जिम्मेदार कौन है? क्या सिर्फ वाहन चला रहा ड्राइवर अकेला जिम्मेदार था? या फिर जैसा बताया जा रहा कि नौ सीटर सवारी वाहन होने के बावजूद इसमें कुल 17 लोग सवार थे जिनमें से पांच तो गाड़ी की छत पर बैठकर जानलेवा सफर कर ही रहे थे।

जब परिवहन विभाग ने जहां सवारियों से भरा वाहन अनियंत्रित होकर खाई में गिरा वहां सड़क की खस्ता हालत के कारण वाहन चलाने की इजाजत नहीं थी तब दुर्घटना का शिकार हुआ यह वाहन वहां तक कैसे 17 सवारियों को लेकर पहुंचा ?
सवाल है कि दुर्घटना का शिकार होने से पहले यह ओवरलोडेड वाहन जब चेक पोस्ट से होकर गुजरा तब संबंधित लोग कहां सोए थे?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर इन ओवरलोडेड वाहनों पर दुर्घटना से पहले एक्शन क्यों नहीं हो पाता है? किसकी मिलीभगत और लापरवाही से जोखिम भरी सड़कों पर ओवरलोडेड वाहन दौड़ रहे होते हैं? आखिर परिवहन महकमे के वो कौन अफसरान हैं जो वाहनों के दुर्घटना होने का इंतजार करते हैं, उससे पहले अपनी ड्यूटी से कौताही बरत लोगों की जान से खिलवाड़ होने देते हैं?

क्या अब तक हुई पिछली सड़क दुर्घटनाओं पर बिठाई गई मजिस्ट्रीटल जांच का कुछ नतीजा या असर होते दिखा? या सिर्फ हादसे के बाद यह एक रस्म अदायगी भर होकर रह गया है?

अगर यह हाल ना रहा होता तो बीते 14 महीनों में उत्तराखंड में 1138 निर्दोष लोगों को विभिन्न सड़क हादसों में यूं जान न गंवानी पड़ी होती। उत्तराखंड में 2021 में 1405 सड़क हादसों में 820 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। राज्य में 2020 में 1041 सड़क हादसे हुए जिनमें 674 लोगों की जान चली गई। कई बार यह तथ्य स्थापित हो चुका है कि अधिकतर सड़क हादसों की वजह ओवरलोडेड और ओवर स्पीड रहती है। फिर परिवहन विभाग के लगातार चेकिंग के दावों का सच क्या माना जाए?


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