देहरादून: भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष दो दिवसीय देवभूमि दौरे पर हैं। बीएल संतोष ने शनिवार शाम देहरादून पहुँचते ही प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ एक माह के कामकाज पर मंत्रणा की और चंपावत उपचुनाव की रणनीति बनाई। इस बैठक में धामी कैबिनेट के अलावा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रदेश संगठन महामंत्री अजेय कुमार प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम सहित कई पार्टी पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। लेकिन अब भाजपा प्रदेश मुख्यालय में हुई शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत द्वारा मंत्रिपरिषद बैठक कहे जाने पर कांग्रेस ने उनको निशाने पर ले लिया है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने इसे मुद्दा बनाते हुए इसे संविधान विरोधी करार दिया है। दरअसल, शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अपने फेसबुक पेज पर बीएल संतोष के साथ हुई बैठक का फोटो शेयर करते हुए इसे मंत्री परिषद की बैठक करार दिया है। इसी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने धनदा पर सवाल दागा है कि क्या समय आ गया है कि ‘जो भाजपा कहे वही संविधान है?’ आर्य ने धन सिंह पर हमला बोलते पूछा है कि जब बीएल संतोष, मदन कौशिक, अजेय कुमार और दुष्यंत गौतम आदि ने उत्तराखंड राज्य के मंत्री के रूप में शपथ ही नहीं ली है, तब ये तमाम महानुभाव मंत्रिपरिषद का हिस्सा कैसे हो सकते हैं। आर्य ने यह भी पूछा है कि भाजपा प्रदेश कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक कैसे बुलाई जा सकती है?
नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा है कि धन सिंह रावत ने अपने फेसबुक पेज पर खुद लिखा है की भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और अन्य पदाधिकारीगण, जिनमें भाजपा के उत्तराखंड प्रभारी, सह प्रभारी आदि महानुभाव भी हैं, ने मुख्यमंत्री सहित उत्तराखंड के मंत्री परिषद के साथ भाजपा कार्यालय में मंत्री परिषद की बैठक में भाग लिया।
इसी पर यशपाल आर्य ने सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि मंत्रियों के अलावा तमाम महानुभाव जब मंत्रिपरिषद का हिस्सा नहीं तो ऐसी किसी बैठक में कैसे मौजूद रह सकते हैं? उन्होंने कहा है कि भारत के संविधान के आर्टिकल 163 और 164 में राज्य सरकारों के मंत्रिपरिषद को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है या फिर आजकल “जो भाजपा करे वही संविधान है” वाला समय आ गया है?
आर्य ने धनदा पर तीखा व्यंग्य कसते कहा,”आप सभी ने भारत के संविधान में वर्णित पद और गोपनीयता की शपथ ली है, उसका मान रख लीजिए। मुख्यमंत्रीजी सहित आप सभी मंत्रीगण सामुदायिक उत्तरदायित्व के सिद्धांत से बंधे हैं। आप सभी के लिए व्यक्तिगत रूप से कोई भी आदरणीय या पूज्यनीय हो सकता है परंतु खुले आम घोषणा के साथ आप लोग संविधान की धज्जियां नहीं उड़ा सकते हैं।”
आर्य ने आगे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी निशाने पर लेते कहा,” मेरा मानना है कि मंत्रीजी के मंत्रिपरिषद बैठक को लेकर रहस्योदघाटन की वजह से उत्तराखंड में संवैधानिक संकट वाली स्थिति आ गयी है। माननीय मुख्यमंत्री जी और मंत्रिपरिषद स्थिति स्पष्ट करें।”
यह पहला मौका नहीं है जब यशपाल आर्य ने धामी सरकार और भाजपा को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की हो। दीगर बात यह है कि आर्य ने जब से नेता प्रतिपक्ष का पदभार संभाला है उसके बाद से लगातार वे धामी सरकार को हर छोटे-बड़े मुद्दे पर घेर रहे हैं। अब मंत्रिपरिषद की बैठक भाजपा कार्यालय में आयोजित होने के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत के सोशल मीडिया स्टेट्स के बहाने एक बार फिर आर्य ने धामी कैबिनेट और भाजपा को असहज जरूर कर दिया है।