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2023 में भ्रष्टाचार के दानवों पर हुआ प्रचंड पुष्कर प्रहार! बिल्डर से आईएफएस,आईएएस, पीसीएस पर एक्शन में नहीं कांपे पांव: विंडलास, रावत, यादव, कोचर सरीखे नामी पहुंचाए जेल

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  • भ्रष्टाचार पर धामी सरकार ने की सबसे तेज और बड़ी कार्रवाई
  • धामी सरकार ने ढाई साल में 40 भ्रष्टाचारियों को पहुंचाया जेल
  • 23 साल में 10 मुख्यमंत्रियों में भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने में धामी सबसे आगे
  • ढाई साल के भीतर आईएएस, आईएफएस और पीसीएस जैसे पावरफुल अफसरों को पहुंचाया जेल
  • भ्रष्टाचार रोकने को राज्य में 1064 टोल फ्री सेवा बन रही आम नागरिकों के लिए बड़ा हथियार

Uttarakhand News: देवभूमि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के दानवों पर कार्रवाई करने के मामले में युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सबसे आगे हैं। 23 साल में राज्य की बागडोर संभालने वाले 10 मुख्यमंत्रियों में पुष्कर सिंह धामी ने सिर्फ ढाई साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर सबसे तेज और बड़ी कार्रवाई का रिकॉर्ड बनाया है। खासकर गुजरते साल 2023 में सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त 18 ट्रैप में 4 अफसरों सहित 19 को जेल भेजा है। जबकि सिर्फ ढाई साल के कार्यकाल में धामी सरकार ने सबसे ज्यादा 38 ट्रैप कर 40 भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे धकेल दिया है। यही नहीं धामी अकेले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने राज्य के इतिहास में पहली बार आईएएस, आईएफएस और पीसीएस अफसरों को भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर सीधे सलाखों के पीछे पहुंचाने में देर नहीं लगाई है। जाहिर है सीएम धामी की यह कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुशासन और भ्रष्टाचारमुक्त सरकार देने के संकल्प का ही संदेश दे रही है।

गुजरते साल 2023 में उत्तराखंड की धामी सरकार ने सुशासन को लेकर कई कड़ी कार्रवाई और बड़े निर्णय लिए हैं। खासकर भ्रष्टाचारमुक्त शासन को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री धामी ने पहले कार्यकाल में शपथ लेते ही विवादों से घिरे तत्कालीन मुख्य सचिव को हटाते हुए पारदर्शिता को लेकर बड़ा संदेश दे दिया था। इसके बाद धामी सरकार 2.0 में भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई। इसमें सबसे निर्णायक रहा नकल माफिया का तंत्र ध्वस्त करने के साथ ही गैंग में शामिल आरोपियों की रिकॉर्ड 64 गिरफ्तारियां कर 24 के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई अमल में लाई गई। इन सभी की 17 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति जब्त की गई। जबकि 12 से अधिक आरोपियों के खिलाफ संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई जारी है। देश में सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाकर सीएम पुष्कर ने भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक कराकर युवाओं के सरकारी नौकरी के सपने पर कुठाराघात करने वाले नकल माफिया की जड़ों पर प्रचंड प्रहार कर डाला।

इतना ही नहीं राज्य के इतिहास में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ जमाए विवादित आईएएस राम विलास यादव और आईएफएस किशनचंद को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप में गिरफ्तार कर धामी सरकार ने जेल भेजकर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। विजिलेंस की कार्रवाई के बाद दोनों दागी अफसरों के खिलाफ अब केंद्रीय जांच एंजेसी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई की है। उत्तराखंड के इतिहास में यह कार्रवाई अब तक की सबसे बड़ी है। इससे सरकार ने एक बार फिर सुशासन और ईमानदारी का संदेश दिया है।

इसका नतीजा रहा कि 2023 में जनवरी से दिसम्बर तक विजिलेंस ने भ्रष्टाचारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रिकॉर्ड बनाते हुए 18 ट्रैप कर 4 अफसरों और 15 कार्मिकों को जेल डाला गया। यानी धामी सरकार में ढाई साल में ही भ्रष्टाचार में लिप्त 38 आरोपियों को ट्रैप कर सलाखों के भीतर डाले गए। इसके अलावा 2022 में 14 ट्रैप में 14 गिरफ्तारी तो 2021 में 6 ट्रैप में 7 को जेल भेजा गया। कुल मिलाकर भ्रष्टाचारमुक्त सरकार के पैमाने पर उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार खरी उतर रही है।

भ्रष्टाचार पर टोल फ्री नम्बर से आगे आये लोग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत भ्रष्टाचारमुक्त शासन के साथ की। इसके लिए अप्रैल 2022 में विजिलेंस ने टोल फ्री नम्बर 1064 जारी किया गया। तब से राज्य में टोल फ्री नम्बर 1064 से भ्रष्टाचारियों के खिलाफ विजिलेंस भी अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई कर रही है। अब तक टोल फ्री नम्बर पर भ्रष्टाचार से जुड़ी करीब 423 शिकायतें मिलीं जिनकी विजिलेंस गहनता से जांच कर रही है। इनमें कुछ मामलों में ट्रैप की कार्रवाई हो चुकी है। जबकि कुछ पर कार्रवाई गतिमान है।

साल 2023 इन बड़े मामलों पर हुई कार्रवाई—

  • रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में बड़ी कार्रवाई

राजधानी देहरादून में दूसरों की जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री और रिकॉर्ड रूम में दस्तावेज गायब करने के मामले को मुख्यमंत्री धामी ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री स्वयं रिकॉर्ड रूम पहुंचे और व्यवस्था देखी। इसके बाद मामले में एसआईटी जांच बिठाई गई। इस मामले में पुलिस ने गैंग के नामी वकील समेत 13 से ज्यादा आरोपियों को जेल भेजा है। अभी भी मामले की जांच चल रही है।

  • नामी होटल स्वामी पर मुकदमा

राजधानी देहरादून की कोचर कॉलोनी में सरकारी जमीन को खुर्द बुर्द करने वाले नामी होटल व्यवसायी एसपी कोचर के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दिए। विजिलेंस ने कोचर दम्पति समेत जमीन खुर्द बुर्द करने वाले राजस्व, एमडीडीए, नगर निगम कार्मिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच जारी है।

  • सरकारी जमीन कब्जाने वालों को जेल

भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते हुए धामी सरकार ने देहरादून की नामी हाउसिंग सोसायटी विंडलास के खिलाफ सीबीआई जांच की संस्तुति की। इसके मालिक सुधीर विंडलास पर राजपुर क्षेत्र में सरकार जमीन फर्जीवाड़े के आरोप थे। इस मामले में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर सुधीर विंडलास को गिरफ्तार कर लिया है। अभी मामले की जांच जारी है।

  • हरिद्वार में शत्रु संपत्ति मामले में बड़ी कार्रवाई

सरकार ने हाल ही में हरिद्वार में करोड़ों की शत्रु संपत्ति कब्जाने और इसमें मिलीभगत करने वालों की जांच विजिलेंस को दी थी। विजिलेंस ने इस मामले में पीसीएस अफसर सहित 10 से ज्यादा सरकार कर्मचारियों और जमीन कब्जाने वालों पर मुकदमा दर्ज कराया है। इससे गलत तरीके से जमीनों की खुर्द बुर्द करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है।

“देवभूमि में भ्रष्टाचार के दानवों की कोई जगह नहीं है। हमारी सरकार ने भ्रष्टाचारी कितना भी बड़ा क्यों न रहा हो निष्पक्षता के साथ कड़ी कार्रवाई की गई। सुशासन और भ्रष्टाचारमुक्त शासन हमारी प्राथमिकता में है। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। भ्रष्टाचार से जुड़े हर मामले में पुलिस और जांच एजेंसियों को भी निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं।”

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड।

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