Atiq shot dead by Zigana pistol: प्रयागराज और यूपी में चार दशक से जिस माफिया अतीक अहमद का आतंक था, उसे और उसके भाई अशरफ अहमद को महज 20 सेकेंड में 18 राउंड फायर कर शूटर्स ने मौत की नींद सुला दिया गया। अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अतीक और उसके भाई को मीडिया कर्मियों के भेष में आए तीन शूटर्स- लवलेश तिवारी, सन और अरुण मौर्य ने मौत के घाट उतारकर जिस तरह से जय श्री राम के नारे लगाकर सरेंडर किया क्या ये महज सिरफिरे हमलावर थे जो माफिया और उसके भाई से नफरत करते थे लिहाजा मार डालते हैं? या फिर अतीक और अशरफ की हत्या एक सुनियोजित प्लानिंग के तहत कराई गई?
यह सवाल इसलिए उठ रहे क्योंकि जिस तरह से हमलावर सोफिस्टिकेटेड हथियार लेकर आए थे उससे वे किसी खास मिशन का हिस्सा नजर आ रहे। खासकर अतीक अहमद को मारने के लिए जिस पिस्टल का सहारा लिया गया वह तुर्कीए मेड जिगाना पिस्टल है जिसकी कीमत एक दो लाख नहीं बल्कि 7 लाख रुपए है। जिगाना पिस्टल भारत में बैन है और बताया जाता है कि इसको पाकिस्तान के रास्ते ड्रोन के जरिए भारत पहुंचाया जाता है।
शनिवार रात्रि करीब 10:35 बजे प्रयागराज के जिस कॉल्विन हॉस्पिटल के पास मात्र 20 सेकेंड में ताबड़तोड़ 18 राउंड फायर कर अतीक और उसके भाई को मारा गया,वो हमला AK 47 से नहीं बल्कि ऑटोमैटिक पिस्टल जिगाना से किया गया था। इसी तुर्की निर्मित जिगाना से करीब 10 महीने पहले पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की गई थी। जिगाना पिस्टल शूटर्स की पहली पसंद इसलिए बन रही क्योंकि छोटी और हल्की होने के कारण इसे आसानी से छिपाकर रखा जा सकता है और यह एक साथ 15 राउंड फायर करती है। तुर्की मेड इस पिस्टल का इस्तेमाल चार देशों की सेना और पुलिस भी करती हैं।
पाक के रास्ते ड्रोन से पंजाब और फिर देश के दूसरे हिस्सों तक शूटर्स को मिल रही जिगाना पिस्टल
भारत में तुर्की की ये पिस्टल बैन है और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिगाना पिस्टल पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब में सक्रिय ड्रग्स रैकेट और माफिया तक पहुंचती है। पिछले साल 11 अक्टूबर को अमृतसर में 4 जिगाना पिस्टल और 8 मैगजीन जब्त की गई थी और इसके अलावा भी कई बार इनकी जब्ती हुई है।
जाहिर है हमलावरों द्वारा पिस्टल के इस्तेमाल होने के बाद माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या के पीछे किसी बड़े क्रिमिनल गैंग के हाथ से इंकार नहीं किया जा सकता है। साफ है तीनों शूटर्स कोई सिरफिरे अतीक और उसके भाई की हत्या के प्यासे नहीं लगते हैं बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकते हैं? फिर चाहे कोई सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए लॉ एंड ऑर्डर के मोर्चे पर नई मुसीबत करने की साजिश हो? या माफिया अतीक अहमद का मुंह खुलने से किसी को राज फांस होने का खतरा हो? लेकिन इतना तय है कि कस्टडी में दो दो हत्या होने से पुलिस प्रशासन पर सवाल लंबे समय तक उठते रहेंगे। बहरहाल मूसेवाला की हत्या से लेकर माफिया अतीक और अशरफ की हत्या में इस्तेमाल तुर्की मेड जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल विदेश से हथियारों की तस्करी का सच भी उजाकर कर रहा है।