हरिद्वार: तीरथ सरकार राज्य में पर्याप्त ऑक्सीजन को रोज शाम अफसरों के ज़रिए मीडिया में तमाम दावे पेश करा रही है लेकिन जमीन पर हकीकत दूसरी ही दिख रही है. हरिद्वार जिले के रुड़की में विनय विशाल अस्पताल का नामक एक प्राइवेट हॉस्पिटल में सोमवार देर रात्रि ऑक्सीजन खत्म होने से पांच मरीजों की मौत हो गई.
बताया जा रहा है कि करीब आधे घंटे ऑक्सीजन बाधित रही जिस कारण मरीजों की मौत हो गई. अस्पताल प्रबंधन दावा कर रहा है कि रूड़की की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सोमवार रात्रि दस बजे ऑक्सीजन कमी की जानकारी दे दी गई थी जिसकी तस्दीक़ भी हो गई है. लेकिन प्रशासन का कहना है कि हॉस्पिटल प्रबंधन को सेंट्रल सिस्टम के साथ वैकल्पिक व्यवस्था रखनी चाहिए थी. अब डीएम ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए हैं.
शासकीय प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी जांच कराने की बात कह रहे हैं. लेकिन घटना ने प्रशासन और अस्पतालों के प्रबंधकों के मध्य ऑक्सीजन जैसे विषय को लेकर किस तरह का परस्पर समन्वय हो रहा है उसकी पोल खोल दी है. कंपनी
घटना के बाद मंगलवार को हरिद्वार डीएम सी.रविशंकर ने कोविड हॉस्पिटल के प्रबंधकों के साथ ऑनलाइन बैठक कर समय से ऑक्सीजन की स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए.
अब अस्पतालों मे ऑक्सीजन के बेहतर प्रबंधन और आपूर्ति को लेकर राज्य सरकार ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में अलग-अलग मॉनिटरिंग/ऑडिट कमेटी बनाई हैं जो जिला प्रशासन से तालमेल बिठाकर ऑक्सीजन और आईसीयू बेड पर नजर रखेगी.