हरिद्वार:
27 अप्रैल को हरिद्वार महाकुंभ मेले का आखिरी शाही स्नान है. प्रधानमंत्री मोदी की संत समाज से अपील के बाद अब सभी 13 अखाड़े प्रतीकात्मक रूप से ही शाही स्नान में शामिल होंगे. हरेक अखाड़े से महज 100 साधु संत ही स्नान के लिए हर की पैड़ी जाएंगे. वहीं, शाही स्नान को लेकर कुंभ मेला पुलिस ने सारी तैयारियां कर ली है. प्रतीकात्मक स्नान होने से व्यवस्था में बदलाव भी दिखाई देगा. अखाड़ों की तरह से कहा गया है कि सभी 13 अखाड़े केंद्र और राज्य सरकार की कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए सांकेतिक रूप में शाही स्नान करेंगे.
निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत दिनेश गिरी का कहना है कल निरंजनी अखाड़ा हनुमान जयंती के अवसर पर कुंभ का आखिरी स्नान करेगा जिसमें महज 100 साधु संत ही शामिल करेंगे. उन्होंने कहा कि आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज भी शाही स्नान में शामिल होंगे. निरंजनी अखाड़े ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा.
निर्मोही अखाड़ा अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने कहा है कि कुंभ का अंतिम स्नान बैरागी अखाड़ों द्वारा सूक्ष्म रूप से किया जाएगा और उसके बाद साधु संत अपने छावनी पर लौट जाएंगे. दावा किया जा कहा है कि पिछले शाही स्नानों के मुक़ाबले आखिरी शाही स्नान में 10 से 20 फीसदी साधु-संत ही स्नान करेंगे.
रिपोर्ट: आशीष मिश्र, स्थानीय पत्रकार, हरिद्वार