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महामारी में डाटा मैनेजमेंट: टेस्टिंग बढ़ाकर कोरोना जंग जीत पाएंगे कम टेस्टिंग एक छलावा!

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पिछले 24 घंटे में 168 मरीजों की मौत हो गई जबकि 5541 नए कोविड पॉजीटिव मिले हैं। हालॉकि कोविड मरीजों की संख्या लगातार दो दिनों में कम होना राहत की बात है लेकिन मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से आगे होना और राज्य में पॉजीटिविटी रेट 21 फीसदी से ज्यादा होना गंभीर चिन्ता पैदा कर रही है। एक चिन्ताजनक पहलू ये भी है कि जब संक्रमण दर बढ़ रही है तब टेस्टिंग की रफ़्तार कम कर दी गई। रविवार रिकॉर्ड 180 मरीजों की मौत हुई थी जबकि सोमवार को 168 मौत हुई। मौत के आंकड़े को प्रति लाख पर देखें तो उत्तराखंड हिमालयी राज्यों मे सबसे खराब स्थिति में है।मई के पिछले 10 दिनों को आंकड़े बताते हैं कि टेस्टिंग कैसे लगातार घट रही है। एसडीसी फ़ाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल कहते हैं कि टेस्टिंग कम करके हम आगे नहीं बल्कि पीछे की ओर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग बढ़नी चाहिए क्योंकि बढ़ती पॉजीटिविटी रेट के मद्देनज़र कम टेस्ट काउंटर प्रोडक्टिव हो सकते हैं।

  • 1 मई को 33,568 टेस्ट
  • 2मई(रविवार) को 26263 टेस्ट
  • 3 मई को 33,215 टेस्ट
  • 4 मई को 38,046 टेस्ट
  • 5 मई को 45,602 टेस्ट
  • 6 मई को 35,735 टेस्ट
  • 7 मई को 36,850 टेस्ट
  • 8 मई को 39,310 टेस्ट
  • 9 मई (रविवार) को 26,713 टेस्ट
  • 10 मई को 26562 टेस्ट

यानी पिछले दो दिनों सबसे कम टेस्ट किए गए जबकि पॉजीटिविटी रेट कम नहीं होता दिख रहा है।

कम टेस्टिंग का असर कम नए कोविड केस के तौर पर भले सामने आए लेकिन इससे समस्या कम नहीं होने वाली है। मृत्युदर के आंकड़े डरा रहे हैं, सबसे चिन्ताजनक ये है कि पहाड़ी जिलों के अस्पतालों में कोविड से मौत का आंकड़ा बढ़ा है, जो इशारा कर रहा है कि स्वास्थ्य संसाधनों का टोटा मरीजों की जान पर भारी पड़ रहा है।

सोमवार को हुई मौतों का आंकड़ा बताता है कि सबसे ज्यादा 28 मौतें अल्मोड़ा जिले में हुई जिनमें 24 मौतें बेस अस्पताल अल्मोड़ा में हुई, जहां कोविड तैयारियों का हाल जानने सीएम पहुँचे हुए थे। बेस अस्पताल श्रीनगर में 14 कोविड मरीजों ने दम तोड़ा जबकि पौड़ी में 19 मरीजों की मौत हुई।

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