- शुक्रवार को उत्तराखंड सचिवालय संघ ने निजी सचिव संवर्ग की डी0पी0सी0 कराये जाने को लेकर अपर मुख्य सचिव, सचिवालय प्रशासन विभाग राधा रतूड़ी से मुलाकात कर अपना पक्ष विस्तृत रूप से रखा।
इस सम्बन्ध में संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी की ओर से अवगत कराया गया कि सचिवालय प्रशासन विभाग के अधीन निजी सचिव संवर्ग में पिछले 2 वर्ष से अधिक का समय व्यतीत होने के उपरान्त संवर्ग के अधिकारी व कर्मचारी पदों की उपलब्धता, पात्रता होने के बाद भी अकारण पदोन्नति से वंचित रखा गया है। अपर मुख्य सचिव को संघ की ओर से प्रकरण से सम्बन्धित कुछ विधिक बिन्दुओं को भी स्पष्ट किया गया तथा बताया गया कि प्रकरण में लोक सेवा अधिकरण के आदेश दिनांक 29.03.2019 को यद्यपि सरकार द्वारा मा0 उच्च न्यायालय में चुनौती न दी गयी हो, परन्तु इसके विरूद्ध मा0 न्यायालय में प्रभावितों द्वारा चुनौती दी गयी थी, जिसमें मा0 उच्च न्यायालय द्वारा कोई स्थगनादेश न देते हुये यह अन्तरिम आदेश पारित किया गया कि लोक सेवा अधिकरण के आदेश का अनुपालन करते हुये सरकार द्वारा वर्ष 2009 की वरिष्ठता को पुनःनिर्धारित करने की कार्यवाही पर रोक लगाने का कोई कारण परिलक्षित नही है, परन्तु लम्बित प्रकरण में अग्रिम आदेशों तक प्रतिवादियों को पदावन्त न किया जाय।
संघ की ओर से तथ्य इंगित किया गया है कि सचिवालय प्रशासन विभाग के स्तर से लोक सेवा अधिकरण के आदेश दिनांक 29.03.2019 एवं तत्क्रम में दायर रिट याचिका 191/2019 में पारित उच्च न्यायालय के अन्तरिम आदेश दिनांक 21.05.2019 के अनुपालन में ही सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा संवर्ग की पूर्व ज्येष्ठता सूची वर्ष 2009 एवं 2014 को निरस्त करते हुये दिनांक 20.06.2019 द्वारा आपत्तियॉं मांगते हुये 15 दिन का समय सभी संवर्गीय कार्मिकों को दिया गया था। तथा इस सम्बन्ध में प्राप्त सभी आपत्तियों का निस्तारण करते हुए दिनांक 18.07.2019 द्वारा अन्तिम ज्येष्ठता सूची जारी की गयी, जो वर्तमान में लागू व प्रभावी है। इसके आधार पर ही संवर्ग के कतिपय कनिष्ठ कार्मिकों को वर्ष 2020 में पदोन्नति का लाभ भी दिया जा चुका है, जिसमें वर्तमान ज्येष्ठता सूची के आधार पर सशर्त पदोन्नति में कोई विधिक अड़चन न होने का परामर्श भी न्याय विभाग से प्राप्त है।
संघ के उपाध्यक्ष सुनील लखेड़ा द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि प्रमुख निजी सचिव के रिक्त पदों पर पात्र अधिकारियों को पदोन्नति की बात संघ द्वारा बार-बार की जा रही है, जिसका किसी भी पदासीन अधिकारी को पदावन्त करने से कभी भी कोई सरोकार नही रहा है तथा न ही वर्तमान समय में ऐसी कोई स्थिति है। संघ की ओर से यह भी खेद व्यक्त किया गया है कि सचिवालय प्रशासन विभाग में कार्यरत जिन अधिकारियों द्वारा पूर्व में वर्ष 2019 में अन्तिम ज्येष्ठता सूची का प्रख्यापन कराया गया है, उन्हीं के द्वारा अब मामले में अनावश्यक विलम्ब किया जा रहा है, जिनका उत्तरदायित्व भी निर्धारित होना चाहिये। संघ द्वारा रखे गये सभी तथ्यों एवं विधिक पहलुओं को स्वीकार करते हुये अपर मुख्य सचिव द्वारा विभागीय पदोन्नति से सम्बन्धित पत्रावली तत्काल तलब करने के निर्देश मौके पर ही विभाग के संयुक्त सचिव को दिये गये तथा संघ को जल्दी ही डीपीसी करने का आश्वासन दिया गया।
इसके साथ-साथ संघ के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष की तरफ से अवगत कराया गया है कि समीक्षा अधिकारी संवर्ग में पदों की रिक्तता की बात रखी गयी। इसमें हाल ही दिवंगत संयुक्त सचिव आरके तोमर के निधन, जिसका संघ को अत्यंत दुख है, के उपरांत पुनः इस चयन वर्ष में अपर सचिव एवं अन्य अधीनस्थ सभी रिक्त पदों की डीपीसी करने, दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में, स्वर्गीय आरके तोमर के रिक्त पद के सापेक्ष पदोन्नति आदेश जारी करने की माँग रखी गयी। सचिव अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में कार्यरत पदधारक के सचिवालय में धारित संयुक्त सचिव के पद को अस्थायी पदोन्नति से भरे जाने और सचिवालय सेवा के 05 अधिकारियों के पदावन्त होने के उपरान्त विशेष कार्याधिकारी के पदों के सापेक्ष पदों की निरन्तरता एवं वेतन आहरण को देखते हुये 01 अनुसचिव व 04 अनुभाग अधिकारी के रिक्त पदों को वरिष्ठता क्रम में अनुभाग अधिकारी एवं समीक्षा अधिकारियां में से अस्थायी पदोन्नति से भरे जाने की मांग भी अपर मुख्य सचिव के समक्ष पुनः रखी गयी। शासन की ओर से संघ को विश्वास दिया गया है कि इन सभी मामलों में अपेक्षित निर्णय लेते हुये कार्यवाही की जायेगी। संघ की ओर से अध्यक्ष दीपक जोशी एवं उपाध्यक्ष सुनील लखेडा एवं संघ के सदस्यगण आदि मौजूद रहे।