दिल्ली: कोरोना रोकथाम को लेकर केन्द्र और दिल्ली सरकार आए दिन एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल ही रहे थे, अब केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल तिरंगा विवाद लेकर आ गए हैं। पटेल ने गुरुवार तो दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर शिकायत दर्ज कराई कि जब भी टीवी चैनलों पर आपको बोलते देखता हूँ तो आपकी कुर्सी के पीछे लगे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के स्वरूप पर ध्यान चला जाता है। जो मुझे अपनी गरिमा और संवैधानिक स्वरूप से भिन्न लगता है। ऐसा लगता है जैसे बीच में सफ़ेद हिस्से को कम करके हरे हिस्से को जोड़ा गया हो। उन्होंने कहा कि ये भारतीय झंडा संहिता के मानकों के अनुरूप नहीं दिखाई देता है। केन्द्रीय राज्यमंत्री ने केजरीवाल को आपत्ति दर्ज कराते लिखी अपनी चिट्ठी को उपराज्यपाल अनिल बैजल तो भी भेज दिया है। राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल न दिल्ली सीएम केजरीवाल को चिट्ठी में क्या-क्या लिखा यहाँ पढ़िए-
‘मैं यह पत्र राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान की हम सबकी जिम्मेवारी के उत्तरदायित्व को ध्यान में रखकर लिख रहा हूं। अनेक दिनों से जब टीवी चैनल पर आपको संबोधित करते हुए देखता हूं तो आपके कुर्सी के पीछे लगे राष्ट्रीय ध्वज के स्वरूप पर बेबस ही ध्यान चला जाता है। क्योंकि वह मुझे अपनी गरिमा एवं संवैधानिक स्वरूप से भिन्न प्रतीत होता है। बीच में सफेद हिस्से को कम करके हरे हिस्से को जोड़ दिया गया लगता है जो भारत सरकार गृह मंत्रालय के द्वारा निर्दिष्ट भारतीय झंडा संहित में उल्लिखित भाग 1 के 1.3 में दिए गए मानकों का प्रयोग नहीं दिखायी देता है।’
‘जिस प्रकार से ध्वज लगाए गए हैं उनसे ऐसा प्रतीत होता है कि राष्ट्रीय ध्वज को समुचित सम्मान देने के स्थान पर सजावट के लिए प्रयोग हुआ दिखायी पड़ता है। राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 (ix) जिसके अनुसार झंडे का प्रयोग वक्ता के मंच को सजाने के लिए नहीं किया जाएगा। धारा 2.2 (i) झंडे की स्थिति सम्मानपूर्वक और विशिष्ट होनी चाहिए। (ix) के अनुसार किसी अन्य प्रकार की सजावट के लिए झंडे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।’ भारतवासी होने के साथ ही प्रदेश के गौरवपूर्ण मुख्यमंत्री का पद धारित करते हुए आपसे राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक तिरंगे के सम्मान और मर्यादा बनाए रखने की अपेक्षा सभी करते हैं।’