दिल्ली: केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा ऐलान करते हुए शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी Teachers Eligibility Test- TET योग्यता प्रमाण पत्र की वैलिडिटी पीरियड यानी वैधता अवधि सात साल से बढ़ाकर आजीवन कर दी है। केन्द्र सरकार ने यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक़ यह फैसला 10 वर्ष पहले यानी एक जनवरी 2011 से लागू किया गया है। इसका मतलब ये है कि इस अवधि के दौरान जिनका टीईटी अवधि पूरी भी हो चुकी है, वे भी शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने के पात्र होंगे। अब टीईटी पास करने के बाद बार-बार परीक्षा देने की दरकार नहीं रहेगी। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों को कहा है कि वे सात वर्ष की अवधि पूरी कर चुके जनवरी 2011 के बाद के उम्मीदवारों को नए टीईटी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
इसके ऐलान का ट्विट करते केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि केन्द्र सरकार के इस बड़े फैसले का फायदा उन उम्मीदवारों को होगा जो शैक्षणिक क्षेत्र में नौकरी करना चाहते हैं लेकिन टीईटी की अवधि खत्म हो जाने से वंचित हो गए थे। डॉ निशंक ने कहा कि ये सकारात्मक कदम है और इससे बेरोज़गारी में कमी आएगी।
दरअसल टीईटी की परीक्षा सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के दौरान अहर्ता तय करने के लिए ली जाने वाली परीक्षा है। लंबे समय से टीईटी की पद्धति और नियमावली में बदलाव की कवायद चल रही थी।