देहरादून: हरिद्वार महाकुंभ में सरकार से मोटा बिल वसूलने के लिए लाखों फ़र्ज़ी एंटीजन टेस्ट कर दिए गए। एक शख़्स को घर बैठे कोविड टेस्ट हो जाने का मैसेज पहुँचा तो उन्होंने आईसीएमआर से शिकायत की कि बिना सैंपल दिए उनकी जांच कैसे हो गई। इसके बाद आईसीएमआर ने सरकार को इसकी जांच करने को कहा तो लाखों टेस्ट का फर्जीवाड़ा सामने आ गया। हरिद्वार में कुंभ के समय सरकार का नौ लैब से जाँच को लेकर कॉन्ट्रेक्ट हुआ था और शिकायत मिलने के बाद सिर्फ एक लैब की जांच की गई तो पता चला कि लाखों फ़र्ज़ी टेस्ट कर दिए सरकार से मोटा पैसा वसूलने के लालच में।
अब फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सरकार ने सभी लैबों की जांच कराने का फैसला किया है। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं। शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि सभी जिलों में जांच कार्य में लगी लैबों के बिलों का भुगतान जांच-पड़ताल के बाद ही करने को कह दिया गया है।
ग़ौरतलब है कि खुद शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ढालवाला में फ़र्ज़ी आरटीपीसीआर रिपोर्ट देने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर चुके हैं। उसी के बाद हेल्थ महकमे ने फर्जीवाड़े के आरोपों में घिरी एक लैब को बैन कर दिया था। उधर हरिद्वार में निजी लैब द्वारा लाखों फ़र्ज़ी टेस्ट कर डालने के मामले की जांच के लिए डीएम सी रविशंकर ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है।
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