दिल्ली/देहरादून: यूपी सीएम योगी के दिल्ली दौरे के साथ ही बीजेपी ने मिशन 2022 का ख़ाका तैयार कर लिया है और आने वाले दिनों योगी मंत्रिमंडल विस्तार के ज़रिए ‘ऑल इज वेल’ का मैसेज भी दिया जा सकता है। यानी यूपी में मचे अंदरूनी युद्ध को थामकर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी टीम के कील-काँटे भी दुरुस्त करने की तरफ़ बढ़ गए हैं। दिल्ली के सियासी कॉरिडोर्स में पूरा हल्ला है कि शुक्रवार को पीएम के साथ गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की बैठक का कोर एजेंडा टीम मोदी में ज़रूरी बदलाव और विस्तार के ज़रिए धार दी जाए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी अपने कैबिनेट सहयोगियों की दो साल की परफ़ॉर्मेंस का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर चुके हैं और अलग-अलग समूहों में मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ बैठक और संवाद भी कर चुके हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को इसलिए भी बल मिल रहा क्योंकि मोदी सरकार 2.0 बनने के बाद से काफ़ी समय से कैबिनेट रि-शफ़ल को लेकर तैयारी हुई लेकिन कोरोना महामारी और किसान आंदोलन और राज्यों के चुनावों के चलते यह टलता गया। वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी की टीम में 59 मंत्री शामिल हैं जिनमें 21 कैबिनेट मंत्री, नौ राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार वाले और 29 एमओएस हैं। कुछ मंत्रियों के पास कई कई भारी भरकम विभाग हैं और बिहार से सुशील मोदी से लेकर असम से पूर्व सीएम सर्वानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई नाम हैं जिनको कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।
उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी भी पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह के क़रीबियों में गिने जाते हैं और संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में उनको जगह मिलने की चर्चा भी है। उत्तराखंड से हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक केन्द्र में शिक्षा मंत्री हैं और अगर बलूनी को केंद्र में जगह मिलती है तो इससे राज्य का मोदी सरकार में दबदबा और बढ़ जाएगा।