दिल्ली: कोरोना के कहर के चलते प्रधानमंत्री मोदी की अगुआई में हुई एक जून को हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद बारहवीं बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई थी। उसी दौरान कहा गया था कि 12वीं का रिजल्ट तय समयसीमा के भीतर और तार्किक आधार पर तैयार किया जाएगा। बड़ा सवाल यह है कि आखिर स्टूडेंट्स का असेसमेंट किस आधार पर होगा? अब CBSE में 12वीं के रिजल्ट के लिए 10वीं, 11वीं और 12वीं के नंबर्स जोड़े जाने पर विचार चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार CBSE का 13 सदस्यीय पैनल 10वीं, 11वीं और 12वीं के नंबर 30:30:40 के अनुपात में जोड़कर रिजल्ट तैयार करने के तरीके पर सहमति जता सकता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार परिणाम के लिए 10वीं और 11वीं के नंबर को 30-30 फीसदी और 12वीं के बोर्ड परीक्षा से पहले लिए गए टेस्ट को 40 फीसदी वेटेज दिया जा सकता है। इस कमेटी को अपनी रिपोर्ट 17 जून यानी कल रिजल्ट के संबंध में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देनी है जिसके बाद इस फॉर्मूले का औपचारिक ऐलान किया जा सकता है।
30:30:40 अनुपाती फॉर्मूले को लेकर तर्क
एक, ये कि बारहवीं की पूरी पढ़ाई इस साल ऑनलाइन हुई जिसके चलते बारहवीं के असेसमेंट के आधार पर ही रिजल्ट तैयार करना पूरी तरह ठीक नहीं होगा। इसलिए 10वीं व 11वीं की परफ़ॉर्मेंस का भाग भी शामिल किया जाना चाहिए। इसलिए 10वीं-11वीं को 30-30 फीसदी और 12वीं को 40 फीसदी वेटेज दिए जाने का फैसला हो सकता है। हालाँकि कुछ स्कूलों व एक्सपर्ट ने 10वीं और 11वीं को ज्यादा वेटेज दिया जाना चाहिए। CBSE 28 जून तक अंक अपलोड कर सकती है।