दिल्ली: तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए खूब हीलाहवाली के बाद आखिरकार सीएम धामी ने 30 जून को लिए गए कैबिनेट फैसले को बरक़रार रखकर समझदारी दिखाई है। आखिर तीसरी लहर की चुनौती सिर पर तलवार की तरह मँडरा रही है और प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्री से मंगलवार को वर्चुअल संवाद में इसी पर चिन्ता भी जताई थी।
सवाल है कि क्या तीसरी लहर जल्दी ही देश में दस्तक दे सकती है? कम से कम पूर्वोत्तर के राज्यों में ऊँची पॉजीटिविटी रेट इसकी गवाही दे रही है।
पूर्वोत्तर के चार राज्यों में संक्रमण ख़तरनाक स्टेज तक पहुंच चुका है और हालात बेक़ाबू होते दिख रहे हैं। सिक्किम में पॉजीटिविटी रेट 19.5 फीसदी, मणिपुर में 15 फीसदी, मिज़ोरम में 11.8 फीसदी, मेघालय में 9.4 फीसदी है। W.H.O के अनुसार अगर कोविड टेस्टिंग की पॉजीटिविटी रेट 10 फीसदी या इससे ऊपर हो जाए तो इसका मतलब होगा कि संक्रमण नियंत्रण से बाहर यानी बेक़ाबू हो चुका है। अरुणाचल में 7.4 फीसदी, नागालैंड में 6 फीसदी और त्रिपुरा में 5.6 फीसदी पॉजीटिविटी रेट है। यानी पूर्वोत्तर के इन तीन राज्यों में भी खतरा बढ चुका है क्योंकि संक्रमण की दर 5 फीसदी से ऊपर है। हालांकि असम में पॉजीटिविटी रेट 2 फीसदी पर है जिसे क़ाबू में कहा जा सकता है।
साफ है पूर्वोत्तर के इन राज्यों में देश में औसत कोरोना टेस्टिंग पॉजीटिविटी रेट 2.3 फीसदी के मुकाबले 7 गुना तक अधिक संक्रमण फैला हुआ है।
पूर्वोत्तर के अलावा केरल मे टेस्टिंग पॉजीटिविटी रेट 10.5 फीसदी बनी हुई है जो तीसरी लहर के खतरे का संकेत दे रही है। IMA ने सरकार को चेतावनी दी है कि टूरिज्म एक्टिविटी और धार्मिक आयोजनों में भीड़ पर क़ाबू न रहा तो तीसरी लहर भयावह हो सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़ पूर्वोत्तर के हालात को देखते हुए हैदराबाद यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ भौतिक विज्ञान और पूर्व प्रो वाइस चांसलर डॉ विपिन श्रीवास्तव ने दावा किया है कि 4 जुलाई के बाद से देश में कोरोना संक्रमण और मौतों का पैटर्न वैसा ही देखा जा रहा जैसा फरवरी के पहले हफ्ते में दिखा था। और फरवरी से अप्रैल अंतर तक देश में कोरोना की दूसरी लहर भयावह हो चुकी थी। इस आधार पर कोरोना की तीसरी लहर की शुरूआत होने की आशंका जताई जा रही है।