नैनीताल: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सलाहकार रहे धीरेन्द्र पंवार और मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट की मुश्किलें बढ़ सकती है। हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस की बेंच ने पूर्व सीएम टीएसआर के सलाहकारों द्वारा भूमि ख़रीदने के बाद वहां सरकारी पुल बनवाने के ख़िलाफ़ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से तीन हफ़्ते में मामले में आपत्ति दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता उमेश कुमार को भी इस मामले से संबंधित ठोस सबूत पेश करने को कहा है।
दरअसल कई मीडिया वेंचर से जुड़े रहे उमेश कुमार ने जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के पूर्व सलाहकार धीरेन्द्र पंवार और मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट द्वारा पद और प्रभाव का दुरुपयोग कर 45 बीघा से अधिक ज़मीन कौड़ियों के भाव ख़रीद ली गई। PIL में ये भी दावा किया गया है कि दोनों सलाहकारों ने देहरादून की बंजर भूमि पर आबादी दिखाकर वहां सरकारी धन से नदी पार करने के लिए भारी-भरकम पुल बनवा लिया। जबकि धरातल पर हक़ीक़त ठीक इसके उलट है। याचिका में मांग की गई है कि दोनों पूर्व सलाहकारों द्वारा सरकारी धन की दुरुपयोग किया गया है जिसकी जांच होनी चाहिए।
हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस की बेंच ने राज्य सरकार को तीन हफ़्ते के भीतर आपत्ति दाखिल करने और इसी दौरान याचिकाकर्ता को केस से संबंधित ठोस सबूत पेश करने को कहा है।
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