देहरादून: शुक्रवार को उत्तराखंड सचिवालय संघ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर कार्मिक विभाग द्वारा प्रख्यापित उत्तराखण्ड सरकारी सेवक पदोन्नति के लिये अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण नियमावली, 2010 को पुनः लागू किये जाने का अनुरोध किया है।
सचिवालय संघ की ओर से की गयी मांग के अनुसार वर्ष 2016 तक शिथिलीकरण नियमावली, 2010 के प्रावधानों के अन्तर्गत कार्मिकों को उनके सेवाकाल में एक बार पदोन्नति हेतु अर्हकारी सेवावधि में 50 प्रतिशत की छूट प्राप्त होती रही है। परन्तु एकाएक कतिपय सेवा संवर्गाें यथा न्यायिक सेवा, प्रान्तीय सिविल सेवा एवं वित्त सेवा के परस्पर गतिरोध के कारण कार्मिक विभाग के शासनादेश 4 सितंबर 2017 द्वारा शिथिलीकरण नियमावली, 2010 के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हुये स्थानापन्न पदोन्नतियों व अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण को स्थगित कर दिया गया।
संघ की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार कार्मिक विभाग के 4 सितंबर 2017 के आदेश को High Court में दी गयी चुनौती पर कोर्ट के 23.मार्च 2018 को आए निर्णय से इसे खारिज किया जा चुका है। इस कारण विधिक एवं तकनीकी रूप से कार्मिक विभाग की शिथिलीकरण नियमावली, 2010 स्वतः ही प्रभावी हो गयी है। परन्तु कार्मिक विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में लगभग 3 वर्षों से कोई सम्यक आदेश निर्गत न किये जाने के कारण यह मामला High Court की भी अवमानना के दायरे में है।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी एवं महासचिव विमल जोशी द्वारा इस सम्बन्ध में बताया गया है कि कार्मिकों के सेवा हितों से जुडे इस महत्वपूर्ण मामले में सभी तथ्य समय-समय पर सक्षम स्तरों पर लाये जाते रहे हैं। परन्तु वित्त विभाग की हठधर्मिता के कारण अब तक कार्मिक विभाग की विषयवस्तु से सम्बन्धित शिथिलीकरण नियमावली, 2010 एवं स्थानापन्न पदोन्नतियों पर लगी रोक सम्बन्धी कार्मिक विभाग के 4 सितंबर 2017 के आदेश के खारिज हो जाने के बाद भी स्वतः प्रभावी इस नियमावली के पूर्व स्वरूप में क्रियान्वित कराने सम्बन्धी सम्यक आदेश जारी नहीं हो सके हैं। जाहिर है ऐसा कर कार्मिकों को इसके लाभ से विगत 3 वर्षों से अनावश्यक रूप से वंचित रखा गया है तथा कई विभागों में अर्हकारी सेवा अवधि में छूट सम्बन्धी इस नियमावली के प्रभावी न माने जाने के कारण कई अधिकारी, कर्मचारी पदोन्नति का लाभ लिये बिना सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
सचिवालय संघ न मुख्यमंत्री धामी को लिखे पत्र में फिर से इस तथ्य को उनके समक्ष रखा है कि कार्मिक हित से आच्छादित उत्तराखण्ड सरकारी सेवक पदोन्नति के लिये अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण नियमावली, 2010 को High Court द्वारा पारित आदेश के बाद विधि मान्य करते हुये स्वतः प्रभावी कर दिये जाने की प्रास्थिति के फलस्वरूप सम्यक आदेश निर्गत किये जाने हेतु कार्मिक विभाग को आवश्यक निर्देश जारी किए जाएँ। ऐसा कर कार्मिकों को शिथिलीकरण नियमावली, 2010 के प्रावधानों का यथोचित लाभ मिल सकेगा जिसके सालों से पात्र होकर भी अब तक वंचित रखे गए हैं।