देहरादून: विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी कांग्रेस के तेवर अब लगातार कड़े होते जा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद पहले सत्र में ही प्रीतम सिंह ने आक्रामक अंदाज में सरकार के खिलाफ हल्लाबोल छेड़ रखा है। बेरोज़गारी पर धामी सरकार को सदन में आईना दिखाने से लेकर आम जनता पर पड़ रही महंगाई की मार का अहसास कराने को साइकिल पर सदन पहुँचना और शुक्रवार को किसानों के मुद्दे पर ट्रैक्टर लेकर विधानसभा के दरवाजे दस्तक। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सदन से लेकर सड़क तक एक खास रणनीति के तहत धामी सरकार की घेराबंदी करने की कोशिश की है।
हालाँकि मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस की बड़े भीड़ जुटाऊ विरोध-प्रदर्शन से परहेज़ करती रही लेकिन सदन और सड़क पर उसने हर दिन सरकार को असहज करने का काम किया है। अब जब विधानसभा के मानसून सत्र का प्रमुख कार्य आज सम्पन्न हो जाना है और शनिवार को सतत विकास लक्ष्यों को लेकर चर्चा होनी है। लिहाजा कांग्रेस ने गन्ना किसानों का दर्द बयां करने और तीनों कृषि बिलों का विरोध करने के लिए ट्रैक्टर लेकर विधामसभा के दरवाजे दस्तक दी।
कांग्रेस ने विधानसभा के सदन में गन्ना किसानों का मुद्दा उठाने से पहले ट्रैक्टर से विधानसभा तक आकर गन्ना समर्थन मूल्य न बढ़ाने पर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला।
दरअसल मानसून सत्र के दौरान हर दिन कांग्रेस ने अलग अलग मुद्दों पर धामी सरकार को घेरने का काम किया। बेरोज़गारी, महंगाई, जाति प्रमाण पत्र, चारधाम यात्रा, सीमांत धारचूला में नेटवर्किंग समस्या, भगवानपुर में मेडिकल कॉलेज, पलायन, कोरोना महामारी और तीसरी लहर को लेकर तैयारी, गन्ना किसानों को मूल्य न मिलने से लेकर कृषि क़ानूनों पर सरकार को घेरने का काम किया है। महाकुंभ में कोरोना की फ़र्ज़ी टेस्टिंग के घोटाले में विपक्ष के हल्लाबोल के बाद मजबूरन धामी सरकार को मेला स्वास्थ्य अधिकारी और एक प्रभारी पर निलंबन की गाज गिरानी पड़ी है।