देहरादून: यूँ तो 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी को मातृभाषा से राष्ट्रभाषा जैसे तमाम सम्मान के अलंकरण न सरकारें देते थकती हैं न समाज पीछे नजर आता है। लेकिन जब लाखों युवाओं के लिए रोजगार की बड़ी उम्मीद बनते भर्ती आयोग अपनी परीक्षा के पेपर बनाते समय हिन्दी की यह स्थिति बना डालते हैं तब रोना आता है।
ताजा मामला उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित कराई गई सहायक लेखा परीक्षा से जुड़े प्रश्नपत्र से जुड़ा है। परीक्षार्थी युवाओं का दर्द है कि पेपर में अंग्रेज़ी के सवाल तो ठीक थे लेकिन जब इन्हीं सवालों का हिन्दी अनुवाद गूगल ट्रांसलेट करके इतिश्री कर ली गई तब कई ऐसी त्रुटियाँ सामने आई हैं कि उम्मीदवार सिर पकड़ कर बैठ गए और अब पेपर की इन त्रुटियों पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं।
आयोग के पेपर में अंग्रेज़ी से हिन्दी अनुवाद का ये नमूना पढ़ेंगे तो आप भी हिल उठेंगे
सोशल मीडिया में पेपर के सवाल डालकर उम्मीदवार पूछ रहे आखिर ऐसा क्यों हुआ हिन्दी माध्यम वालों के साथ
मीडिया में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी का कहना है कि त्रुटि संबंधी कुछ प्रश्नों के मामले में आयोग ने उम्मीदवारों को आपत्ति दर्ज कराने का समय दिया है।
जबकि युवा बेरोज़गारों ने अब गूगल ट्रांसलेट से कराए गए अनुदित प्रश्नपत्र की ख़ामियों का मुद्दा जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया है और पेपर के पैटर्न को पुराने पेपर की तुलना में काफी बदला हुआ बताते हुए बाजार में इस संबंधी किताबें भी उपलब्ध न होने का मुद्दा उठाकर दोबारा पुराने पैटर्न में परीक्षा कराने की मांग कर डाली है।