कांग्रेसी कलह कुरुक्षेत्र देखकर भाजपा हाईकमान भी जुटा रामनगर की व्यूह-रचना बनाने में
देहरादून: उतराखंड के सियासी संग्राम में भाजपा से आर-पार करने से पहले कांग्रेस कैंपेन चीफ और पूर्व सीएम हरीश रावत को घरेलू कलह कुरुक्षेत्र भी जीतना होगा। हरदा रामनगर से चुनावी ताल ठोकेंगे और THE NEWS ADDA पर कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने खुलासा किया है कि केन्द्रीय चुनाव समिति ने पूर्व सीएम हरीश रावत का रामनगर टिकट फाइनल कर दिया है और बाकी 16 पेंडिंग सीटों पर भी बनते ही आज या कल दूसरी लिस्ट का ऐलान किया जा सकता है।
आपके THE NEWS ADDA पर उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह भी खुलासा किया है कि हरदा को पार्टी हाईकमान की हां मिलते ही रामनगर से उनके नामांकन का कार्यक्रम भी तय हो गया है। रावत 28 जनवरी को रामनगर सीट से अपना पर्चा भरेंगे। हरदा की टीम ने चुनावी जंग के लिए रामनगर का रुख करना शुरू कर दिया है और अब नामांकन के साथ ही डोर टू डोर आक्रामक प्रचार अभियान की व्यूह रचना बनाई जा रही है।
हालाँकि हरदा को रामनगर से टिकट मिलने के बाद रणजीत रावत समर्थकों में खासा आक्रोश दिख रहा है। खुद रणजीत रावत भी अभी तक रामनगर से सल्ट शिफ्ट होने को तैयार नहीं हुए हैं। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो रणजीत रावत को पार्टी ने सल्ट सीट ऑफ़र कर दी है लेकिन रणजीत ने रामनगर से पीछे हटने से इंकार कर दिया है। हालाँकि कांग्रेस हाईकमान ने प्रीतम सिंह से लेकर तमाम नेताओं को रणजीत रावत को समझा-बूझा कर सल्ट के लिए राज़ी करने का टास्क दिया है। लेकिन रणजीत रावत समर्थकों ने दावा किया है कि अगर हरदा रामनगर से चुनाव लड़ेंगे तो रणजीत रावत निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे लेकिन पीछे नहीं हटेंगे।
सूबे की सियासत में गुरु-चेले समझे जाते रहे हरदा-रणजीत में छिड़ी इस महाभारत ने कांग्रेस नेतृत्व के पसीने छुड़ा दिए हैं। कांग्रेसी रामनगर को अपने लिए मुफ़ीद सीट मानकर चल रहे हैं लेकिन पार्टी के दो दिग्गजों में दिख रहा संभावित द्वन्द्व अगर टाला नहीं गया तो कहीं नतीजे सत्रह संग्राम की तरह किच्छा और हरिद्वार ग्रामीण जैसे न देखने को मिलें। सवाल है कि क्या अगले 72 घंटों यानी हरदा के नामांकन से पहले-पहले रणजीत रावत को रामनगर से सल्ट शिफ्ट करने में कांग्रेसी रणनीतिकार कामयाब हो जाएंगे?