देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस पोस्टल बैलेट को लेकर लगातार आरोप लगा रही है। पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया में एक वीडियो शेयर कर पोस्टल बैलेट में धाँधली का आरोप लगाया था जिसके बाद पिथौरागढ़ पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज कर लिया, उसके बाद कांग्रेस कैंपेन चीफ ने रुद्रपुर की पीएसी वाहनियों के पोस्टल बैलेट न पड़ने पर चिंता जता दी। अब शुक्रवार को कांग्रेस ने फिर पोस्टल बैलेट में धाँधली का आरोप लगाते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या से जांच की मांग की है।
उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर सेना में सेवारत सैनिकों/सर्विस मतदाताओं को जारी मतपत्रों पर फर्जी मतदान करने का आरोप लगाते हुए ऐसे मतों को निरस्त कराए जाने की मांग की है।
गणेश गोदियाल ने कहा है कि निर्वाचन आयोग द्वारा सेना में सेवारत सैनिकों/सर्विस मतदाताओं को डाक मतपत्र जारी करते हुए मतदान की सुविधा प्रदान की जाती है, परन्तु संज्ञान में आया है कि विभिन्न जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा निर्गत किये गये सर्विस मतदाताओं के पोस्टल बैलेट की सूची में ऐसे नाम विद्यमान हैं जो या तो सेवा निवृत्त हो चुके हैं, या लम्बे अवकाश पर हैं अथवा दिवंगत हो चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनके पास इस आशय की पुख्ता जानकारी है कि उपरोक्त श्रेणी के मतदाताओं के नाम पोस्टल वैलेट की मतदाता सूची में अंकित हैं। उन्होंने कहा कि पारदर्शी एवं निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराये के लिए उपरोक्त (सेवा निवृत्त, लम्बी अवधि के अवकाश पर चल रहे मतदाता तथा मृतक कर्मी) सूची में अंकित मतदाताओं के मत पत्र पर किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में वोट प्राप्त होता है तो उस वोट को निरस्त माना जाए। साथ ही उस मतदाता को प्रमाणित करने वाले अधिकारी के खिलाफ सक्षम धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
गोदियाल ने पॉवर कॉर्पोरेशन में आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने के बावजूद टेंडर प्रक्रिया करने की शिकायत भी मुख्य निर्वाचन अधिकारी से की है। कांग्रेस अध्यक्ष ने टेंडर प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
गोदियाल ने कहा है कि उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव की घोषणा के उपरान्त उत्तराखण्ड पाॅवर काॅरपोरेशन लि0 में विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु निविदा आमंत्रित की गई थी जिसकी प्रक्रिया अभी भी गतिमान है तथा विभाग द्वारा कार्यादेश जारी करने का भी निर्णय लिया गया है, जो कि आदर्श चुनाव आचार संहिता के नियमों के विपरीत है।
]उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया अभी समाप्त नहीं हुई है तथा विधानसभा चुनावों हेतु जारी आदर्श चुनाव आचार संहिता के दृष्टिगत ऐसी सभी निविदाओं को निरस्त किया जाए, जो चुनाव आचार संहिता के दौरान जारी की गई हैं तथा सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ निर्वाचन आयोग के नियमों के अन्तर्गत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।