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Uniform Civil Code पर धामी ने जो कहा वो कर दिखाया; सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस की अगुवाई में बनाई ड्राफ्टिंग कमेटी 

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  • यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट पर रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में बनाई ड्राफ्टिंग कमेटी 
  •  यूनिफार्म सिविल कोड पर कदम बढ़ाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना
  •  पाँच सदस्यीय ड्रफ्टिंग कमेटी का खाका तैयार
  • सभी राज्यों से अपेक्षा अपने यहां भी लागू करें समान नागरिक संहिता कानून: सीएम धामी 

देहरादून: Uniform  Civil Code- UCC यानी समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जो कहा था उस दिशा में बड़ा कदम आगे बढ़ा दिया है। धामी सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की ओर कदम बढ़ाते हुए ड्राफ्टिंग कमेटी के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को कमेटी का चेयरपर्सन बनाया गया है। कमेटी समान नागरिक संहिता कानून को लेकर ड्राफ्ट यानी खाका तैयार करके देगी। इस लिहाज से देखें तो UCC पर कानून बनाने की तरफ कदम बढ़ाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। 

धामी सरकार ने बनाई ये ड्रफ्टिंग कमेटी 

चेयरपर्सन : रंजना देसाई, सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस 

सदस्य : प्रमोद कोहली, दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस

सदस्य : शत्रुघ्न सिंह, पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखंड 

सदस्य : मनु गौड़, अध्यक्ष टेक्स पेयर एसोसिएशन 

सदस्य : सुरेखा डंगवाल, कुलपति, दून विश्वविद्यालय, देहरादून

ज्ञात हो कि 24 मार्च को हुई धामी सरकार 2.0 की पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता पर अपना संकल्प दोहराते हुए इस दिशा में आगे बढ़ने का संकेत दे दिया था। ध्यान हो कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के प्रचार के आखिरी दिन मुकाबले मुख्यमंत्री धामी ने सत्ता में वापसी पर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का एलान किया था। हालांकि इस रास्ते की तकनीकी और संवैधानिक चुनोतियां भी बताई जा रही लेकिन CM धामी ने ड्राफ्टिंग कमेटी का एलान कर अपने इरादे ज़रूर ज़ाहिर कर दिए हैं। 

दरअसल यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने पर विवाह, तलाक़, संपति के अधिकार से लेकर उत्तराधिकार,विरासत, गोद लेने-देने से लेकर ऐसे कई कानून बिना धार्मिक भेदभाव के सभी भारतीय नागरिकों पर एक समान लागू होंगे। 

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