UTTARAKHAND ASSEMBLY BUDGET SESSION FIRST DAY MINISTER MAHARAJ FLOP SHOW: कहने को सतपाल महाराज धामी सरकार में नम्बर दो की हैसियत रखते हैं। विभाग भी लोक निर्माण से लेकर पर्यटन जैसे भारी भरकम ले रखे हैं। लेकिन जब जब विधानसभा का सत्र संचालित होता है विपक्ष के सवालों में सबसे पहले और सबसे अधिक बार मंत्री महाराज ही उलझते नज़र आते हैं। मंगलवार को बजट सत्र का पहला दिन था और विपक्ष के सवालों के तीरों के आगे महाराज उलझ गए।
दरअसल मंगलवार मंत्री सतपाल महाराज के विभागों पर पूछे गए सवालों के जवाब देने का दिन था और विपक्षी विधायकों ने मंत्री महाराज को उनके विभागों की विभिन्न योजनाओं के प्रस्तावों, बजटीय प्रावधानों, स्वीकृति, खर्च,योजनाओं के तैयार होने की समयावधि जैसे कई अनुपुरक प्रश्नों पर घेर लिया। वैसे महाराज ने जैसा उनका पुराना स्टाइल रहा है, सवालों के जवाब दिए और जहां चुके वहां ‘आपको सूचना उपलब्ध करा दी जाएगी’ वाला अपना खास आश्वासन थमा दिया। लेकिन मन बनाकर बैठे विपक्षी विधायकों ने मंत्री महाराज को घेर धामी सरकार पर प्रश्नों को लेकर गंभीर न होने का आरोप लगाया। खुद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह ने मोर्चा संभाल लिया।
प्रीतम सिंह ने मंत्री सतपाल को 13 जिले 13 डेस्टिनेशन और टूरिज़्म सेक्टर की योजनाओं को लेकर कटघरे में खड़ा किया तो महाराज अपना बचाव नहीं कर पाए। प्रीतम ने असिंचित भूमि को सिंचित करने की योजना के बारे में पूछा तो सिंचाई मंत्री महाराज ने ‘आपको अलग से जानकारी उपलब्ध करा देंगे’ वाला अपना जुमला दोहरा दिया। कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत के हरिद्वार के कांगड़ी क्षेत्र के तिलकपुरी में बाढ़ सुरक्षा कार्य को लेकर ब्यौरा मांगा तो मंत्री महाराज जिले में चल रहे कार्यों का ब्यौरा पढ़ने लगे जिस पर विपक्ष ने प्रश्न इतर उत्तर देने का आरोप लगाया।
वैसे यह कोई पहला मौका नहीं जब मंत्री सतपाल महाराज विधायकों के प्रश्नों का पेंचोखम सुलझाने में नाकाम रहे हों। शायद ही कोई ऐसा सत्र पिछली सरकार में गया हो जब महाराज अधूरी जानकारी के चलते घिर न गए हों। सवाल है कि महाराज की खुद की तैयारी अधूरी रहती है या फिर अधिकारियों की ACR लिखने को आतुर मंत्री महाराज को विभागीय नौकरशाह कतई कोऑपरेट करने को तैयार नहीं?