देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जहां वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा पेश बजट को अपनी सरकार का अर्थ संकल्प और उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट बता रहे हैं, वहीं नेता प्रतिपक्ष ने इसे ‘कर्ज़ लेकर घी पीने’ की सोच वाला बजट करार दिया है।
यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि आज जब सभी राष्ट्र और राज्य अपने ऊपर बढ़ते कर्जे से परेशान हैं तब उत्तराखंड की सरकार दिन प्रतिदिन राज्य को कर्जे में डुबा रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछले पांच सालों में सरकार ने लगभग 70 हजार करोड़ रुपया कर्जे के रूप में लिया है । इस कार्यकाल में भी सरकार ने राज्य को और कर्जे में डूबने वाला बजट पेश किया है।
आर्य ने कहा कि बजट दिशाहीन है और राज्य के जनसामान्य की उम्मीदों को कहीं से भी पूरा नहीं करता। उन्होंने कहा कि रिवर्स पलायन के लिए सुनियोजित योजना इस बजट में नहीं है और न ही महंगाई, बेरोजगारी दूर करने को लेकर कोई रोडमैप पेश किया गया है।
यशपाल आर्य ने कहा कि यह निराशाजनक बजट है, बेरोजगारों-नौजवानों को रोजगार न देने वाला बजट है, यह किसान-विरोधी बजट है, यह महिला-विरोधी और पक्षपातपूर्ण बजट है, पिछड़े – दलितों और अल्पसंख्यकों का विरोधी बजट है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि धामी सरकार का बजट पूरी तरह झूठ की नींव खड़ा है और इसमें कदम-कदम पर जनता को गुमराह किया गया है एवं भ्रमित करने की पूरी कोशिश की गई है। आर्य ने कहा कि प्रदेश में महंगाई को लेकर हाहाकार मचा है और सरकार से अपेक्षा थी कि ऐसा बजट आएगा कि जिंदगी को थोड़ा आसान बना देगा।
लेकिन यह ऐसा बजट आया है कि जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।
सरकार चाहती तो पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम कर राज्य की जनता को मदद कर सकती थी पर ऐसा नही किया।