President Election 2022: देश के 15वें राष्ट्रपति को लेकर अब इंतजार खत्म हो गया है। राष्ट्रपति चुनाव 2022 को लेकर हुए मुकाबले में NDA उम्मीदवार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू ने विपक्षी दलों के साझे उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को वोटों के बड़े अंतर से शिकस्त दे दी है। 18 जुलाई को वोटिंग के बाद 21 जुलाई यानी गुरुवार को दिनभर चली मतगणना के बाद राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को जीत के लिए जरूरी 5 लाख 43 हजार 261 वोट तीसरे राउंड में ही मिल गए। तीसरे राउंड में मुर्मू को 5 लाख 77 हजार 777 वोट प्राप्त हो गए।
जबकि यशवंत सिन्हा 2 लाख 61 हजार 62 वोट ही हासिल कर सके। इन वोटों में राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों के साथ साथ 20 राज्यों के वोट भी शामिल हैं। शेष राज्यों की गिनती चौथे राउंड में जारी है। जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने द्रौपदी मुर्मू के दिल्ली आवास पहुंचकर उन्हें बधाई दी।
द्रौपदी मुर्मू: देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति
चुनाव में जीत के साथ ही अब यह तय हो गया है कि द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। प्रतिभा पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं थीं। वहीं द्रौपदी मुर्मू पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। जाहिर है इस तथ्य का भारतीय राजनीतिक और सामाजिक लिहाज से खासा महत्व है क्योंकि आजादी के इतने वर्षों के बाद आदिवासी वर्ग को देश का सर्वोच्च पद हासिल हो रहा है।
ज्ञात हो कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई की मध्यरात्रि को समाप्त हो रहा है। लिहाजा 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथग्रहण समारोह होगा।
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुलाकात कर उन्हें बधाई दी है। उधर भाजपा मुख्यालय में जश्न का माहौल है और विजय जुलूस निकाला जा रहा है। यह पहली बार है जब राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद विजय जुलूस निकाला जा रहा है। राजपथ तक निकाले जा रहे इस विजय जुलूस की अगुआई खुद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे। भाजपा देश में पहली बार आदिवासी महिला के राष्ट्रपति चुने जाने का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को देते हुए इसका मैसेज देश के कोने-कोने खासकर गरीब, कमजोर और आदिवासी वर्ग तक पहुँचाना चाह रही है।
मुर्मू की जीत के जरिये दिया जायेगा ये मैसेज
दरअसल भाजपा राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की जीत का बड़ा राजनीतिक मैसेज देने की तैयारी में है। भाजपा रणनीतिकार इस तथ्य को मजबूती से आगे बढ़ाने की तैयारी में हैं कि पिछली बार रामनाथ कोविंद के रूप में दलित राष्ट्रपति देश तो मिले और इस बार पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति चुनाव जीतीं हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी से सबको चौंकाया था, अब भाजपा आदिवासी और वंचित वर्ग में यह साफ संदेश देना चाह रही है कि सिर्फ भाजपा ही है जो अब तक राजनीतिक हाशिए पर रहे वर्ग को न केवल प्रतिनिधित्व देती है बल्कि यही पार्टी है जो देश के सर्वोच्च पद के लिए भी वंचित वर्ग की नुमाइंदगी सुनिश्चित करती है।
भाजपा मिशन 2024 फतह करने के अभियान पर
साफ है सत्ताधारी भाजपा मिशन 2024 फतह करने के अभियान का आगाज कर चुकी है और मुर्मू के मुकाबले के लिए विपक्षी दलों की तरफ से पहली, दूसरी और तीसरी पसंद के उम्मीदवार के ना कहने के बाद चौथे पसंदीदा उम्मीदवार के तौर पर पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा पर दांव लगाना बताता है कि मोदी-शाह ने 2024 से पहले बिछी सियासी बिसात पर अपने विरोधियों को तगड़ा झटका दे दिया था।
रही-सही कसर उपराष्ट्रपति चुनाव में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उतारकर पूरी कर दी है। धनखड़ राजस्थान की जाट बिरादरी से आते हैं, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव भी हैं। जगदीप धनखड़ की जीत सुनिश्चित है और मार्गरेट अल्वा के जरिए विपक्षी दल को बड़ा सियासी मैसेज देने में भी नाकाम रहे हैं। शायद यही वजह रही कि पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग करने से पीछे हट गई है।