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राजभवन मार्च: अडानी-मणिपुर हिंसा पर माहरा की अगुआई में कांग्रेसियों ने सड़क पर दिखाया दम

गौतम अडानी-भाजपा गठजोड़ के भ्रष्टाचार तथा मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में विशाल प्रदर्शन के साथ कांग्रेस नेताओं कार्यकर्ताओं ने राजभवन मार्च किया: मथुरादत्त जोशी।

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देहरादून (18 दिसम्बर): गौतम अडानी और मणिपुर हिंसा मामले को लेकर आज उत्तराखंड कांग्रेस नेताओं ने राजभवन कूच किया। ज्ञात हो कि आज देश भर में कांग्रेस ने अडानी और उनके सहयोगियों पर अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा लगाये गये आरोपों के बाद भाजपा-अडानी गठजोड़ के भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और छल की कथित जालसाजी तथा मणिपुर हिंसा के खिलाफ राजभवन मार्च कार्यक्रम आयोजित किये।

 

 

देहरादून में कांग्रेसियों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में पार्टी कार्यालय से राजभवन तक मार्च निकला। राजभवन मार्च में प्रदेश अध्यक्ष माहरा के अलावा पूर्व सीएम हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और रणजीत रावत सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, एआईसीसी सदस्य, पीसीसी सदस्य, अनुषांगिक संगठन, विभाग व प्रकोष्ठों के अध्यक्ष व पदाधिकारी, जिला एवं महानगर अध्यक्ष, ब्लाक, नगर, मंडल अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

 

प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की अगुआई में कांग्रेसियों ने पार्टी कार्यालय से नारेबाजी करते हुए राजभवन कूच किया लेकिन पुलिस ने ब्रेकिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया जिसके बाद कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं और पुलिस में नोंकझोंक होती है और राजभवन मार्च कर रहे नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा कुछ देर के लिए बेहोश भी हो गए थे।

 

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा लगाये गये आरोपों ने भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और छल की कथित जालसाजी का पर्दाफाश किया है। इन आरोपों ने सरकारी योजनाओं की ठेकेदारी में रिश्वतखोरी, मनी लान्ड्रिंग और बाजार में हेरफेर के एक पैटर्न को उजागर किया है, जो भारतीय व्यापार और वित्त की प्रतिष्ठा को धूमिल करते हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना भारत के कॉर्पोरेट गवर्नेंस और नियामक निगरानी के सम्बन्ध में चिंता का विषय है। घरेलू और अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों के बीच विश्वास की हानि गम्भीर चिंता का विषय है। इससे भारत में पूंजी के संभावित पलायन से आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और समग्र विकास बाधित हो सकता है।

 

 

माहरा ने कहा कि कारोबारी गौतम अडानी पर लगे भ्रष्टाचार के मामले को संसद में उठाने पर केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा संसदीय चर्चा को जानबूझकर रोकना और इस मुद्दे पर मौन रहना अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से बचने का संकेत है। उन्होंने कहा कि एक ओर देश की जनता विगत कई वर्षों से लगातार महंगाई की मार झेल रही है, अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भारी गिरावट होने के बावजूद केन्द्र की मोदी सरकार ने अपने 11वर्ष के कार्यकाल में रसोई गैस के सिलेण्डर की कीमत 450 रू0 से बढ़ाकर 1100 रू0 करके गरीब और अल्प आय वर्ग के परिवारों के बच्चों के पेट पर चोट करने का काम किया है। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल एवं आम जरूरत के सामानों के दामों में विगत वर्षों में केन्द्र सरकार द्वारा दोगुने से अधिक की वृद्धि करने पर लोग मौन हैं।

 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा अपने मित्र औद्योगिक घरानों को निजी लाभ पहुंचाने के लिए विगत 10 वर्षों में रसोई गैस के सिलेण्डर की कीमत में लगभग 600 रू0 से अधिक की भारी वृद्धि की है जिससे कुछ निजी औद्योगिक घरानों को होने वाले लाभांश का फायदा करोड़ों नहीं बल्कि अरबों रूपये प्रतिमाह में हो रहा है तथा देश का आम आदमी महंगाई की मार झेलने का मजबूर है। ये वही तेल कम्पनियां व औद्योगिक घराने हैं जिनके द्वारा भारतीय जनता पार्टी को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कई हजार करोड़ रूपये का चंदा प्राप्त हुआ है। चुनिंदा औद्योगिक घरानों को अनधिकृत रूप से पहुंचाया गया लाभ ही चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के धन के प्रवाह का स्रोत प्रतीत होता है।

 

करन माहरा ने यह भी कहा कि लगभग दो वर्ष से मणिपुर राज्य निरंतर हिंसा, गोलीबारी, कर्फयू और व्यापक अराजकता के एक अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है। मणिपुर हिंसा में अब तक कई लोगों की जाने चली गई हैं और वहां के लोग एक अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं। संकट की गम्भीरता के बावजूद भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकार इस स्थिति को संभालने में पूरी तरह विफल साबित हुई हैं। प्रधानमंत्री ने अभी तक मणिपुर का दौरा तक नहीं किया है जबकि पूरी तरह अयोग्य मुख्यमंत्री अभी तक सत्ता में काबिज हैं जिससे इस गंभीर स्थिति के प्रति भाजपा की उदासीनता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के शासन में देशभर में महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार, हत्या और जघन्य अपराधों की बाढ़ सी आई है।

 

उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखण्ड जैसे राज्य में औसतन प्रति माह एक बलात्कार और हत्या की घटना घटित हो रही है। दो वर्ष पूर्व उत्तराखण्ड राज्य में हुए अंकिता भंडारी जघन्य हत्याकांड में शामिल वी.आई.पी. का नाम अभी तक उजागर नहीं हो पाया है तथा राज्य में लगातार सामूहिक बलात्कार व हत्या की घटनाओं में सत्ताधारी दल के लोगों की संलिप्तता उजागर हो रही है।

 

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखण्ड राज्य में राज्य सरकार के संरक्षण में फल-फूल रहे अवैध खनन व अवैध शराब के कारोबार पर बोलते हुए कहा कि राज्य में अवैध खनन का कारोबार राज्य सरकार के संरक्षण में फल-फूल रहा है। राज्य की नदियों में भारी मात्रा में हो रहे अवैध खनन से न केवल पौराणिक नदियों का स्वरूप बिगाडा जा रहा है अपितु यह पर्यावरण के लिए भी चिन्तनीय है। अवैध खनन में लिप्त अपराधियों के हौसले जिस प्रकार बुलंद है, इससे यह संदेश जा रहा है कि अवैध खनन में लिप्त कारोबारियों को उच्च स्तरीय राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है जो कि पूरे प्रदेश के लिए अत्यंत ही गम्भीर चिन्ता का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में नशीले पदार्थों व शराब के अवैध कारोबार में लगातार वृद्धि हो रही है तथा प्रदेश के नवयुवकों को नशे की आग में झोंका जा रहा है।

 

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार की आबकारी नीति पूर्ण रूप से शराब माफिया को संरक्षण देने, शराब की तस्करी को बढ़ावा देने तथा उत्तराखण्ड के गांवों में हर घर तक शराब पहुंचाने वाली है। भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार ने जनभावनाओं के विपरीत आबकारी नीति बनाने का काम किया है। भाजपा की राज्य सरकार द्वारा जिस शराब नीति को प्रदेश में लागू किया गया है उससे निश्चित रूप से प्रदेश में शराब माफिया और शराब की तस्करी को बल मिल रहा है।

 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में सशक्त भू कानून न होने के चलते सरकार पर भू-माफिया पूरी तरह हाबी हैं। राज्य सरकार द्वारा भू-कानून के लिए गठित की गई समिति द्वारा राज्य में सख्त भू-कानून लागू करने के सुझाव के साथ दो वर्ष पूर्व अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी गई है परन्तु राज्य सरकार द्वारा भू-माफियाओं के दबाव में भू-कानून समिति द्वारा दिये गये सुझावों पर अमल नहीं किया जा रहा है जिसके कारण बाहरी राज्यों से आये भू-माफिया द्वारा बेखौफ जमीनों की खरीद-फरोख्त कर स्थानीय लोगों को आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है।

 

कांग्रेस पार्टी ने मांग की कि गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा लगाये गये आरोपों की जांच के लिए जे.पी.सी. का गठन किया जाय। मणिपुर हिंसा के लिए जिम्मदार राज्य सरकार को बर्खास्त किया जाय। अंकिता भंडारी हत्याकांड में शामिल वीआईपी का नाम उजागर किया जाय तथा राज्य में अवैध खनन व शाराब माफिया पर रोक लगाने के लिए कडे कदम उठाने के साथ ही कठोर भू कानून बनाया जाए।

 

प्रदर्शन एवं राजभवन मार्च के दौरान कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में सामूहिक गिरफ्तारी दी जिसके बाद सभी नेताओं को पुलिस लाईन ले जाया गया।

 

 

राजभवन कूच कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, एआईसीसी सचिव व सहप्रभारी सुरेन्द्र शर्मा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी, मीडिया चेयरमैन राजीव महर्षि, पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, गोविन्द सिंह कुजवाल, उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापडी, विधायक विक्रम सिंह नेगी, हरीश धामी, आदेश चौहान, तिलकराज बेहड़, ममता राकेश, रवि बहादुर, रणजीत सिंह रावत, महिला अध्यक्ष ज्योति रौतेला, प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, राजेन्द्र शाह, याकूब सिद्धिकी, गोदावरी थापली, जोत सिंह गुनसोला, राजकुमार, राजपाल बिष्ट, जयेन्द्र रमोला, युवा अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, डॉ0 प्रतिमा सिह, राजेश चमोली, गरिमा माहरा दसौनी, महेन्द्र सिंह नेगी, अमरजीत सिंह, डॉ0 जसविन्दर सिंह गोगी, जिलाध्यक्ष कुंवर सजवाण, विनोद नेगी, मोहित उनियाल, राकेश राणा, मुकेश नेगी, राजीव चौधरी, दिनेश चौहान, विनोद डबराल, अमन गर्ग, राजेन्द्र चौधरी, विरेन्द्र पोखरियाल, नवनीत सती, गिरीश पपनै अनिल नेगी, सरिता नेगी, लालचन्द शर्मा, अरूणा कुमार, गौरव चौधरी, नजमा खान, आशा शर्मा, उर्मिला थापा, नीनू सहगल, ललित फर्स्वाण, विकास नेगी, दर्शन लाल, विशाल मौर्य, नवीन रामोला, भगवती सेमवाल, अमरजीत सिंह,, याकुब सिद्धिकी, महेन्द्र नेगी गुरूजी, पिया थापा, प्रदीप थपलियाल, मोहन काला, सुलेमान अली, अभिनव थापर, रीता पुष्पवाण, संदीप चमोली, विजय रतूडी मोन्टी, अजय रावत, आयुश सेमवाल, नवनीत कुकरेती, राजवीर सिंह, मनीष राणा, उत्तम असवाल, सुनीता प्रकाश, सोनिया आनन्द, सुनित राठौर, संदीप चमोली, अवधेश पंत, हेमा पुरोहित, टीटू त्यागी, आशीष नौटियाल, पुष्पा पंवार, चन्द्रकला नेगी, अनुराधा तिवारी, संजय कद्दू, दीप बोहरा, डॉ0 प्रदीप जोशी, आनन्द बहुगुणा, पायल बहल, राजवीर खत्री, राकेश सिंह मियां, राकेश नेगी, विरेन्द्र पंवार, अर्जुन पासी, मो0 फारूख, रॉबिन त्यागी, अनूप कपूर, आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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