CM Shivraj Singh Chauhan and Union Minister Nitin Gadkari out from the BJP’s new Parliamentary Board and Election Committee: BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को पार्टी के 11 सदस्यीय नए संसदीय बोर्ड और 15 सदस्यीय इलेक्शन कमेटी का ऐलान कर दिया है। खास बात यह है कि BJP के नए संसदीय बोर्ड में बड़ा उलटफेर हो गया है। भाजपाई गलियारे में अक्सर चर्चा तो यह होती थी कि क्या दोबारा यूपी के सियासी मैदान में भगवा फहराने के बाद क्या सीएम योगी आदित्यनाथ को संसदीय बोर्ड में जगह देकर मोदी-शाह बड़ा इनाम देंगे! लेकिन हुआ यह कि बोर्ड में इकलौते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी बाहर कर मुख्यमंत्रियों को संसदीय बोर्ड में जगह देने न देने के सवाल और बहस पर ही ब्रेक लगा दिया गया है।
संसदीय बोर्ड के ऐलान में उससे भी बड़ा उलटफेर यह हुआ कि केन्द्रीय मंत्री और नागपुर कनेक्शन के चलते कद्दावर समझे जाने वाले नितिन गडकरी को भी संसदीय बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। यह भी संयोग ही होगा कि नितिन गडकरी ने 24 जुलाई को नागपुर में एक कार्यक्रम में कहा था कि कभी कभी मन करता है कि राजनीति छोड़ दूँ।
अब गजब बात यह है कि गडकरी के बयान को महीनाभर भी नहीं बीता है और BJP के ताकतवर प्लेटफ़ॉर्म (संसदीय बोर्ड) से गडकरी को विदाई मिल गई है। अब बीजेपी के 11 सदस्यीय संसदीय बोर्ड में इन चेहरों को जगह मिली है।
BJP का नया संसदीय बोर्ड
जेपी नड्डा ( भाजपा अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश), नरेन्द्र मोदी( प्रधानमंत्री, गुजरात) , राजनाथ सिंह ( रक्षा मंत्री, यूपी), अमित शाह ( गृहमंत्री, गुजरात), बीएस येदियुरप्पा( पूर्व सीएम, कर्नाटक), सर्बानंद सोनोवाल( पूर्व सीएम, असम), के०लक्ष्मण( बीजेपी ओबीसी मोर्चा चीफ, तेलंगाना), इक़बाल सिंह लालपुरा (नेशनल माइनॉरिटी कमीशन चेयरमैन, रिटायर्ड आईपीएस. पंजाब), सुधा यादव ( पूर्व सांसद, हरियाणा), सत्यनारायण जटिया ( 7 बार के सांसद, मध्यप्रदेश), बीएल संतोष(आरएसएस बैकग्राउंड, कर्नाटक)।
संसदीय बोर्ड के बाद दूसरे ताकतवर मंच यानी इलेक्शन कमेटी में जान लीजिये किसे मिली जगह?
BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसदीय बोर्ड के साथ ही 15 सदस्यीय सेंट्रल इलेक्शन कमेटी का गठन भी कर दिया है। चुनाव समिति में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, PM नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, बीएस येदियुरप्पा, के लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया, भूपेंद्र यादव, देवेंद्र फडणवीस, ओम माथुर, बीएल संतोष और वनथी श्रीनिवास को जगह दी गई है। जबकि शाहनवाज हुसैन और जुएल उरांव को चुनाव समिति से विदा कर दिया गया है।
जाहिर है मोदी-शाह का मैसेज साफ है कि पार्टी अब नए दौर में हैं और कई चुनावी राज्यों से लेकर दक्षिण में कर्नाटक के आगे भी दस्तक देने तो आतुर भाजपा नेतृत्व बड़े -बड़ों को अहम मंचों से विदाई देने में नहीं हिचकेगा।
तेलंगाना में धमक तो आतुर मोदी-शाह ने के० लक्ष्मण को तवज्जो दी है, तो पंजाब में फीलर्स देने के लिए इक़बाल सिंह लालपुरा को भी संसदीय बोर्ड में जगह दी गई है।
अगले साल होने वाले चुनावों के लिहाज से मप्र से सीएम शिवराज को आउट कर दलित चेहरे के तौर पर सत्यनारायण जटिया को संसदीय बोर्ड में लेकर थावरचंद गहलोत की भरपाई की गई है।
हरियाणा से सुधा यादव को लेकर यादव/ओबीसी वोटर्स को 2024 और हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र संसदीय बोर्ड में स्थान दिया गया है। हरियाणा, राजस्थान में यादव अधिकतर भाजपा के साथ हैं और तेजस्वी-अखिलेश से मुकाबले को लेकर यूपी-बिहार पर मोदी-शाह की नजर है।पूर्व सांसद सुधा यादव करगिल शहीद की पत्नी हैं इस लिहाज से फौजी वोटर्स को भी टारगेट करना मकसद दिखता है।
भाजपा संसदीय बोर्ड में पहली बार नॉर्थ ईस्ट की नुमाइंदगी भी पूर्व सीएम और केन्द्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के जरिये की गई है। यानी असम और पूर्वोतर को लेकर पार्टी का पूरा फोकस दिख रहा है।