- त्रिवेंद्र जीरो टॉलरेंस राज में फॉरेस्ट गार्ड पेपर लीक कांड में नाम आने के बावजूद हाकम सिंह रावत का नहीं हुआ बाल बांका
- अब TSR कह रहे हाकम हमारा कार्यकर्ता रहा पर बेईमान निकल गया, धामी की एसटीएफ अच्छी जांच कर रही
UKSSSC Paper Leak Scam and role of BJP member Hakam Singh Rawat: UKSSSC पेपर लीक कांड को लेकर अब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नया बयान सामने आया है। TSR ने एसटीएफ जांच को सही बताकर सीएम पुष्कर सिंह धामी की पीठ थपथपाई है। साथ ही कोचिंग सेंटरों की भूमिका की जांच का भी सुझाव दिया है। TSR ने अन्य राज्यों के नकल माफिया की भूमिका पाए जाने पर ही सीबीआई जांच की मांग को जायज माना है। TSR ने यह भी कहा कि हां हाकम सिंह भाजपा से जुड़ा था और पार्टी ने उसे जिला पंचायत चुनाव भी लड़ाया था। लेकिन हमारा एक कार्यकर्ता अगर बेईमान निकल गया तो पार्टी या सरकार ने उसका साथ नहीं दिया है।
सवाल है कि हाकम सिंह की भूमिका TSR या अन्य को आज ही क्यों नजर आई? फॉरेस्ट गार्ड भर्ती पेपर लीक होने पर भी सतर्क हुआ जा सकता था, क्या TSR या भाजपा हो पाई?
त्रिवेंद्र राज में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। हरिद्वार में दस सेंटरों पर ब्लूटूथ आदि की मदद से नकल माफिया पेपर उड़ा ले जाता है। Us वक्त भी UKSSSC पेपर लीक कांड के मास्टर माइंड बताए जा रहे हाकम सिंह रावत का नाम आया था। यहां तक कि बताया गया कि मंगलोर में दर्ज एफआईआर में भी नाम आया लेकिन सत्ताधारी कैंप में हाकम के रसूख का असर रहा होगा कि गिरफ्तारी अब जब 2022 में हाकम का यूकेसीएसएससी पेपर लीक का नया कांड सामने आता है।
सवाल है कि आज जब अगस्त 2022 में हाकम के हाकिमों के चेहरे उसके साथ सोशल मीडिया में नुमाया हो रही तस्वीरों से नजर आ रहे तब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह की एसटीएफ जांच बढ़िया और सही दिशा में होने के कारण पीठ थपथपा रहे, तो क्या सालों बाद हो रही फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद राज्य की एसटीएफ को मोर्चे पर लगाकर TSR आज जो धामी कर रहे वह नहीं कर सकते थे?
UKSSSC Paper Leak Scam का खुलासा होने के बाद से खुद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से लेकर डीजीपी अशोक कुमार तक जाने कितने हाईप्रोफाइल लोगों के साथ हाकम सिंह रावत नजर आ रहा है, क्या है बेहद खतरनाक संकेत नहीं देता है ? चलिए आज तो मुद्दा गरम है और हाकम सलाखों के पीछे है लेकिन क्या गारंटी है कि जैसे TSR राज में हाकम हरिद्वार में हुए पेपर लीक कांड में बेदाग बच निकला था तो आगे नहीं छूट जाएगा ?
त्रिवेंद्र सिंह रावत से यह सवाल लगातार पूछा जाना चाहिए ही कि आज आप आखिर किस आधार पर कभी आयोग को भंग करने का मशविरा दे रहे, कभी हाकम सिंह रावत के बेईमान निकलने पर अफसोस जाहिर कर रहे। जबकि हाकम का रुतबा और दबदबा त्रिवेंद्र के जीरो टॉलरेंस राज में भी थमा नहीं था बल्कि और बढ़ता गया। जीरो टॉलरेंस की प्रचंड बहुमत की सरकार के मुखिया के नाते TSR कोशिश करते तो UKSSSC से लेकर लोक सेवा आयोग तक करप्शन के घड़ियालों को कुचल सकते थे। लेकिन अब लकीर पीटने से अधिक अवसर हाथ में नहीं रहे तब हाकम पर सख्ती हो रही इसका ढोल पीटना बेमानी ही है।