
Cloud Burst in UttarKhand and Himachal Pradesh: शुक्रवार रात से शुरू हुए भारी बारिश के दौर ने उत्तराखंड में देहरादून, यमकेश्वर से लेकर कई स्थानों पर कहर बरपाया है। रातभर बारिश के दौर के चलते कई नदी-नाले उफान पर हैं और गंगा खतरे के निशान पर बह रही है। जबकि कई जगह नेशनल हाईवे पर मलबा आ गया है और भारी बारिश के टलते चारधाम यात्रा भी रुक गई है। SDRF और स्थानीय प्रशासन ऑन ग्राउंड उतरकर लोगों के राहत और बचाव में जुटा है, तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मोर्चा संभाल लिया है और वे आपदा कंट्रोल रूम से पल-पल की अपडेट ले रहे हैं और लोगों से अपील भी की है कि वे बारिश के दौर के बीच नदी-नालों से दूर रहे हैं और ज्यादा निचले क्षेत्रों में आवाजाही से बचें।

शुक्रवार रात्रि से शुरू हुई बारिश ने देहरादून के रायपुर क्षेत्र के मालदेवता भारी तबाही मचाई है। देर रात रायपुर क्षेत्र के सरखेत ग्राम में बादल फटने से हाहाकार मच गया और बताया जा रहा है कि कई मवेशियों सहित दो लोग लापता हैं। बादल फटने की जानकारी मिलते ही कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी घटनास्थल पहुँचे हैं और SDRF द्वारा चलाए जा रहे लोगों के राहत और बचाव अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मंत्री जोशी आज दिनभर प्रभावित क्षेत्र में ही कैंप करेंगे। रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ भी मौके पर पहुंच गए हैं। एसडीआरएफ ने सरखेत ग्राम के 40 से अधिक लोगों तो सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा दिया है।
सौंग नदी उफान पर आ गई जिससे थानो को जोड़ने वाला पुल बह गया है।
देहरादून के प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर के संस्थापक आचार्य बिपिन जोशी ने कहा है कि शुक्रवार रात्रि से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते मंदिर के पास बहने वाली तमसा नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है जिसके चलते वैष्णोदेवी गुफा योग मंदिर और टपकेश्वर महादेव का संपर्क टूट गया है।
पौड़ी जिले में भी कल से जारी लगातार भारी बारिश के दौर ने कहर बरपाया है। यमकेश्वर में भी बादल फटने से तबाही हुई है और एक वृद्धा की मौत भी हो गई है। बादल फटने से कई घर ज़मींदोज़ हो गए हैं। बताया जा रहा है कि बिनक ग्राम में बादल फटने से भवन क्षतिग्सत हो गया और इसकी चपेट में आने से एक 70 वर्षीय महिला की मौत हो गई।
टिहरी में भी भारी बारिश से तबाही की खबर आ रही हैं। देवप्रयाग और ऋषिकेश के मध्य कई स्थानों पर भारी बोल्डर आने से नेशनल हाईवे 58 बंद है। भारी बारिश के कहर और जगह जगह हाईवे बंद होने से चारधाम यात्रा भी रुक गई है।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जारी भारी बारिश के चलते मैदानी क्षेत्रों में बहने वाली नदियां उफान पर आ गई हैं। सौंग, सुसवा, टोंस और चंद्रभागा नदियाँ उफान पर हैं। जबकि कई नालों में भी जलस्तर बढ़ने से खतरा बढ़ गया है।
ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा नदी चेतावनी निशान से ऊपर बह रही है। हरिद्वार में गंगा सुबह छह बजे चेतावनी स्तर 293 मीटर से 70 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगी थी। जबकि सुबह साढ़े 8 बजे गंगा का जलस्तर 294.05 दर्ज किया गया।
प्रशासन ने तटवर्ती क्षेत्रों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। जबकि ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में आरती स्थल तक गंगा नदी का जल पहुंच गया है। यहां भी आपदा प्रबंधन दल अलर्ट मोड पर है। मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक विक्रम सिंह की मानें तो अभी भी अगले 24 घंटे देहरादून, चमोली और बागेश्वर के कई क्षेत्रों में भारी बारिश ती संभावना है।
कल से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण आज टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास बहने वाली तमसा नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया, माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर टपकेश्वर महादेव का संपर्क टूट गया है, पूल भी क्षतिग्रस्त हो गया है, मंदिर के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु आचार्य बिपिन जोशी ने बताया भगवान की कृपा से कोई जान मॉल की हानी नही हुईं है
वहीं बारिश ने सिर्फ उत्तराखंड में ही कहर नहीं बरपाया है बल्कि पड़ोसी राज्य हिमाचल में भी शुक्रवार रात्रि से जारी भारी बारिश के दौर ने कहर बरपाया है। हिमाचल के मंडी जिले में बादल फटने से एक बच्ची की मौत हो गई है और करीब 15 लोग लापता हैं। लापता लोगों की खोज में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमें लगी हैं।