Congress Presidential Election: गुरुवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई और इसी के साथ अब ग्रैंड ओल्ड पार्टी के संगठन सुप्रीम बनने को लेकर औपचारिक तौर पर चुनावी प्रोसेस शुरू हो गया है। कहने को अध्यक्ष की रेस से गांधी परिवार के बाहर होते ही अब मैदान सबके लिए खुला है। लिहाजा पहले राजस्थान सीएम अशोक गहलोत और केरल से पार्टी सांसद शशि थरूर के बीच चुनावी जंग मानी जा रही थी लेकिन अब मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से लेकर पंजाब से सांसद मनीष तिवारी जैसे नेताओं के मन में भी लड्डू फूट रहा है कि देखा जाएगा अध्यक्ष का इलेक्शन लड़ ही डालते हैं। खैर अभी तक भी मुख्य मुकाबला गहलोत और थरूर में ही माना जा रहा।
अनमने अशोक गहलोत आज राहुल गांधी को अध्यक्ष के लिए मनाने की आखिरी कोशिश कर हार मान चुके हैं और अब खुद के चुनाव लड़ने को लेकर तैयार हो गए हैं। लेकिन आज गहलोत को डबल गेम सजाने का इरादा छोड़ देने का संदेश भी केरल में राहुल गांधी ने दे दिया। मीडिया इंटरेक्शन में एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने दो टूक कह दिया कि उदयपुर चिंतन शिविर में तय फॉर्मूले के तहत ही वन मैन वन पोस्ट वाला नियम अध्यक्ष बनने वाले नेता पर लागू होगा। यानी राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष बनकर भी राजस्थान सरकार चलाते रहने के सीएम अशोक गहलोत के सपने पर कैंची चला दी है।
वरना गहलोत ओपन इलेक्शन और ना जाने क्या क्या दलील देकर दोनों पद कब्जाए रखना चाह रहे थे। दरअसल गहलोत बखूबी जानते हैं कि राहुल गांधी भले अध्यक्ष नहीं बन रहे लेकिन अध्यक्ष जो भी बनेगा पार्टी का रिमोट गांधी परिवार और असल में राहुल गांधी के हाथ में ही रहेगा। लिहाजा गहलोत राजस्थान मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने का मोह नहीं त्याग पा रहे।
जाहिर है अब जब गहलोत समझ चुके हैं कि चाहकर भी वे अध्यक्ष के दौड़ से भाग नहीं सकते और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर जमे नहीं रह सकते लिहाजा अब उनकी एकमात्र रणनीति है कि सचिन पायलट का मुख्यमंत्री की कुर्सी से पत्ता कटवाया जाए। इसीलिए कहा जा रहा है कि गहलोत ने नए मुख्यमंत्री के लिए राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी का नाम आगे किया है।
सवाल है की क्या वाकई राहुल गांधी गहलोत के इस पायलट का पत्ता काटने को खेले गए दांव को कामयाब होने देंगे? जाहिर है जिस तरह से राहुल और प्रियंका ने सचिन पायलट को पार्टी में बने रहने को राजी किया था उसी समय यह पटकथा भी लिखी जा चुकी कि गांधी परिवार सचिन पायलट को लेकर क्या प्लानिंग बना चुका है। देखना होगा कि क्या कांग्रेस की कमान संभालने को आगे बढ़ रहे अशोक गहलोत राजस्थान की सत्ता के ‘जादूगर’ बने रह पाएंगे?