Uttatakhand News: उत्तराखंड के बेरोजगार युवा प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भर्ती परीक्षा तंत्र पारदर्शी करने की मांग के साथ आंदोलन कर रहे हैं। यह तो गनीमत है कि उत्तराखंड के इन बेरोजगार युवाओं को धरना स्थल एकता विहार में धरना प्रदर्शन करने की इजाजत हैं,वरना कोई ताज्जुब नहीं कि उनका ये लोकतांत्रिक अधिकार भी छीन लिया गया होता। क्योंकि ठीक उत्तराखंड विधानसभा के बाहर स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण द्वारा बर्खास्त अवैध नियुक्ति पाए 228 कर्मचारियों को तंबू गाड़ धरना प्रदर्शन की अनुमति है लेकिन बेरोजगार युवाओं के लिए गांधी पार्क या परेड मैदान आदि नहीं बल्कि धरना स्थल एकता विहार ही तय है।
बहरहाल अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को होली के मौके पर एक मशविरा दिया है। यूं भी हरदा युवा सीएम धामी की गाहे बगाहे तारीफ कर खुद को उनका सबसे बड़ा फैन साबित करते रहते हैं। लिहाजा अब होली के मौके पर सीएम धामी को बेरोजगार युवाओं को लेकर अपने मन की कड़वाहट छोड़कर मुंह मीठा कराने की सलाह दे डाली है।
दरअसल हरदा ने ऐलान किया है कि वे आठ मार्च को एकता विहार पहुंच बेरोजगार युवाओं के साथ ही होली मनाएंगे। रावत ने कहा है कि एकता विहार में अच्छे उत्तराखंड के लिए नौजवान संघर्षरत हैं लिहाज़ा वे भी वहीं जाकर होली के रंग और गुजिया की मिठास बांटेंगे।
हरीश रावत ने मशविरा दिया है,”कितना अच्छा हो भूत, समोसा खिलाएं और वर्तमान, एकता विहार आकर इन नौजवानों को गुजिया खिलौना धामी जी को इससे बड़ी और कोई धाकड़ बधाई नहीं मिल सकती! मैं सोचता हूं कि भविष्य की आकांक्षाओं को भी कल 12:00-12:30 बजे एकता विहार पहुंचकर बेरोजगारों के साथ जीवन के रंग,गुलाल के संग उड़ाने चाहिए।”।
यानी हरदा ने खुद को भूत, धामी को वर्तमान और विपक्षी कांग्रेस के युवा नेताओं को भविष्य बताने की कोशिश करते हुए सबके एकता विहार में जमघट की तस्वीर खींची है।
बड़ा सवाल है कि क्या युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी को उनके सलाहकारों की फौज बेरोजगार युवाओं तो गुजिया खिलाकर मीठा मुंह कराने जैसा कदम उठाने की सोचने भी देगी? आखिर बीजेपी के ऐसे जोशीले युवा नेता तो बेरोजगारों को विपक्षी एजेंट साबित करने पर तुले पड़े हैं । और फिर सीएम धामी के इन्हीं एक दो खास सलाहकारों की मेहरबानी से ही तो आठ और नौ फरवरी को सीबीआई मांग को लेकर गांधीवादी तरीके से सत्याग्रह कर रहे बेरोजगार युवक युवतियों पर मित्र पुलिस ने लाठी डंडे बरसाने की बर्बरता की थी।