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किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म कांड में दरिंदों ने इंसान होने के सारे सबूत मिटाए!

मानसिक रूप से कमजोर किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म ने देवभूमि के माथे पर लगाया कलंक

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ISBT Gangrape Case: गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया है। तीन दिन तक चलने वाले सत्र में विपक्ष रूद्रपुर में नर्स के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या और देहरादून आईएसबीटी में सरकारी और अनुबंधित रोडवेज़ ड्राइवरों, कंडक्टर और कैशियर द्वारा एक मानसिक तौर पर कमजोर नाबालिग से दुष्कर्म करने की घटना के माध्यम से राज्य सरकार पर निशाना साधेगी।

 

लेकिन आईएसबीटी दुष्कर्म कांड सिर्फ़ पुलिस प्रशासन और सरकारी इंतज़ामों की पोल नहीं खोलता यह घटना पूरे समाज के लिए आईना है।

 

लिख कर रख लीजिए हम नहीं सुधरेंगे? वो दरिंदे फिर किसी बेटी माँ बहन को शिकार बना लेंगे और हम लोग एक दिन कैंडल मार्च निकालकर फिर अपनी दुनिया में सिमट जाएँगे। लिख कर ले लीजिए।
वरना १६ दिसंबर २०१२ की दिल्ली की निर्भय बेटी के साथ हुई दरिन्दगी के बाद क्या बदला ?

उस काली सर्द रात में दरिंदों ने बेटी को चलती बस में अपनी हैवानियत का शिकार बनाया। १२-१३ अगस्त की रात तो दरिंदों ने हद और पार कर दी कि मानसिक रूप से कमजोर नाबालिग बेटी को आईएसबीटी पर ही अपनी हैवानियत का शिकार बना लिया।
अब पुलिस जाँच क़ानूनी लड़ाई सब अपनी जगह लेकिन कुछ सवाल जवाब माँग रहे हैं!

आईएसबीटी जैसी जगह को इन दरिंदों ने अपनी हैवानियत के लिए कैसे महफ़ूज़ पनाहगाह माँ लिया ?
आईएसबीटी पुलिस चौकी क्या दिखाने भर को बनाई गई ?
आज पुलिस वेरिफिकेशन की बात हो रही उससे पहले क्यों नहीं हुई
ये महिला सुरक्षा को बसों में सीसीटीवी कैमरे चौबीस घंटे काम क्यों नहीं कर रहे थे ये पैनिक बटन क्यों नहीं हैं ?
अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को अब तक कड़ी सजा मिल चुकी होती तो क्या ऐसे दरिंदे नहीं डरते ?

 

  • समाज से सवाल

मानसिक रूप से कमजोर बतायी जा रही पीड़ित किशोरी मात्र मंद्र सोलह साल की है जबकि दरिंदों की उम्र बत्तीस से लेकर ५७-५८ साल की है। समाज कहाँ हैं?

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