देहरादून: नौ नवंबर 2000 को उत्तरप्रदेश से अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आये उत्तराखंड के हिस्से इस सफ़र में उपलब्धियों का अंबार आया है। बेशक चुनौतियां कल भी थी, आज भी हैं लेकिन चुनौतियों को पार कर आगे बढ़ता युवा उत्तराखंड बेहतर भविष्य की एक दमदार छवि गढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। राज्य स्थापना दिवस पास आ रहा है लिहाज़ा उत्तराखंड की कामयाबी की कहानियों की श्रृंखला में आज बात आर्थिक मोर्चे पर राज्य के हिस्से आई उपलब्धियों की।
उत्तराखंड विकास के मोर्चे पर किस रफ़्तार से आगे बढ़ा है इसकी बानगी सिर्फ़ इस एक आंकड़े से दिख जाती है। 24 वर्षों की विकास यात्रा में उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था ने लंबी छलांग लगाई है। आज अर्थव्यवस्था का आकार 24 गुना बढ़ा है। इसी प्रकार प्रति व्यक्ति आय 17 गुना बढ़ी है। इससे साफ है कि उत्तराखंड राज्य में विकास का पहिया तेजी से घूम रहा है।
दो दशक से ज़्यादा के इस कालखण्ड में तमाम उतार चढ़ावों का सामना करते हुए उत्तराखंड ने हार नहीं मानी है। पहाड़वासियों के पहाड़ जैसे हौसले ने विकास की रफ्तार धीमी नहीं पड़ने दी। आज राज्य की अर्थव्यवस्था (जीएसडीपी) लगातार सुधार की ओर है। अर्थव्यवस्था का बढ़ता आकार राज्य की समृद्धि को बयां कर रहा है।
आंकड़ों पर नजर दौडाएं तो पता चलता है कि उत्तराखंड राज्य गठन के वक्त यानी वर्ष 2000 में अर्थव्यवस्था का आकार ₹14501 करोड़ था, जो 2023-24 में बढ़कर ₹346000 करोड़ रुपये हो चुका है। इसमें पर्यटन क्षेत्र का अहम योगदान रहा है। दो वर्ष पूर्व जीएसडीपी में पर्यटन सेक्टर की भागीदारी 37% थी, जो अब बढ़कर 43.7 प्रतिशत हो गई है।
इसी प्रकार प्रति व्यक्ति आमदनी भी बढ़कर ₹02लाख 60 हजार हो चुकी है। जबकि वर्ष 2000 में प्रति व्यक्ति आय ₹15285 थी। पिछले दो वर्षों के आंकड़ों पर ही नजर डालें तो राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 26 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
राज्य में विकास के रफ्तार पकड़ने से बजट में भी बीस गुना बढ़ोतरी हुई है। राज्य गठन के समय वर्ष 2000 में उत्तराखंड का बजट ₹4500 करोड़ के करीब था। जबकि वर्ष 24-25 के लिए कुल ₹94 हजार करोड़ से अधिक बजट का प्रावधान किया गया है। इसमें ₹89230.07 आम बजट और ₹5013.05 अनुपूरक बजट की धनराशि शामिल है
उत्तराखंड की आर्थिक मोर्चे पर तरक्की की इस कामयाब कहानी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,”राज्य गठन के 24 वर्षों में उत्तराखंड ने विकास की नई ऊंचाइयों को हासिल किया है। इस विकास यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला कालखंड विशेष रहा है। इस दौर में उत्तराखंड में तरक्की के नए द्वार खुले हैं। आर्थिक मोर्चे पर हमारा प्रदर्शन उत्साहजनक रहा है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 17 गुना वृद्धि हुई है। हमने आगामी पांच वर्षों में राज्य की जीएसडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। राजस्व वृद्धि के लिए कारगर कदम उठाए गए हैं। घाटे में चल रहे राज्य सरकार के कई विभाग आज लाभ देने की स्थिति में आ रहे हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि राज्य की देवतुल्य जनता और शासन-प्रशासन के प्रयासों से हम इस लक्ष्य को पाने में सफल होंगे।”
जैसा शुरू में कहा गया कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद दो दशक से ज़्यादा के इस सफ़र में ऐसा नहीं है कि तमाम चुनौतियों पर विजय पा ली गई है लेकिन आर्थिक मोर्चे पर आंकड़ों की ज़ुबानी कही जा रही कामयाबी की कहानी बड़ी उम्मीद बँधाती है भविष्य की और बेहतर तस्वीर की।