देहरादून: अपने समर्थकों के बीच ‘शेर ए गढ़वाल’ कहलाने वाले श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल के बहाने धामी तीसरे मुख्यमंत्री हैं जो लगातार छका रहे हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो आए दिन बोर्ड अध्यक्ष सत्याल को लेकर यूं श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत का दर्द नहीं छलक रहा होता! सोमवार को मीडिया के सामने फिर सत्याल को लेकर अपना दर्द बयां करते श्रममंत्री डॉ हरक ने कहा कि कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष तो उन्हें विभागीय मंत्री तक नहीं मानते, न आज तक मिलने आए न कभी किसी तरह की कोई सूचना ही दी।
श्रम मंत्री ने दुखड़ा बयां करते कहा कि शमशेर सिंह सत्याल सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि शासन के आदेशानुसार कर्मकार कल्याण बोर्ड की सचिव मधु नेगी चौहान को बनाया गया है लेकिन सत्याल उनको सचिव मानने को तैयार नहीं। हरक ने बोर्ड में श्रमिकों के खातों में पैसा नहीं पहुंच पाने का ठीकरा भी सत्याल के सिर फोड़ा है।
अब मंत्री हरक सिंह रावत की तकलीफ हद से गुज़रने को है लेकिन टीएसआर तो मुख्यमंत्री रहते शमशेर सिंह सत्याल को बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर तकलीफ देकर ही गए, न तो उनके बाद आए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कष्ट मिटाकर गए और अब महीने से ऊपर वक्त गुज़रने के बाद भी सीएम पुष्कर सिंह धामी एक्शन नहीं ले पा रहे हैं। जाहिर है सत्याल बीजेपी का पुराना कार्यकर्ता ठहरा लिहाजा त्रिवेंद्र की चलाई क़लम पर न तीरथ चाबुक चला पाए थे और न धामी ऐसा करते दिख रहे।
वैसे हरक सिंह रावत को छकाने के मामले में धामी त्रिवेंद्र से एक कदम आगे निकलते दिख रहे। सत्याल का दर्द तो लगातार बना ही हुआ ऊर्जा निगमों में टेक्निकल क्षेत्र के एमडी रखने की हसरत पर भी बाधा उत्पन्न कर दी जा रही। ऊपर से सीएम धामी ने ऊर्जा सचिव ऐसी बनाई हैं कि ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत समझ नहीं पा रहे कि करें तो क्या करें। वैसे ये जांच का विषय हो सकता है कि सीएम धामी अकेले मंत्री हरक सिंह रावत को ही गुगली फेंक रहे या कोई मंत्री और भी हैं जो दर्द के मारे कराह रहे लेकिन किसी को दिख नहीं रहा!