UKSSSC Paper Leak Scam follow-up news: यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कांड में नौ और आरोपियों को अदालत से जमानत मिल गई है। इसी के साथ अब तक पकड़े गए कुल 41 आरोपियों में से 18 जमानत पा गए हैं और अब हाकम सिंह रावत और मास्टरमाइंड मूसा सहित सिर्फ 23 आरोपी सलाखों के पीछे बचे हैं। चिंताजनक तथ्य यह है कि जिन 18 आरोपियों को जमानत मिल गई है, उनमें नौ आरोपियों को गैंगस्टर एक्ट के तहत अरेस्ट किया गया है।
अब जिस तरह से UKSSSC PAPER LEAK कांड के एक के बाद एक आरोपियों को जमानत मिल रही है, उसके बाद नकल माफिया को नेस्तनाबूत करने के सीएम पुष्कर सिंह धामी के कमिटमेंट पर सवाल खड़े होने लगे हैं। हालांकि अभी सवाल विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ही उठा रही लेकिन अगर अदालत में सरकारी पक्ष की पैरवी लचर बनी रही तो इसका पॉलिटिकल खामियाजा न केवल भाजपा सरकार बल्कि खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी भुगतना पड़ेगा।
यह मुख्यमंत्री धामी का ही कमिटमेंट था कि UKSSSC Paper Leak कांड में उन्होंने
स्पेशल टास्क फोर्स- एसटीएफ को लगाकर 41 आरोपियों को सलाखों के पीछे भिजवाने का काम किया। वरना हाकम सिंह रावत जैसे रसूखदार नकल माफिया कैसे सत्ता संरक्षण पाकर अपने घर की छत पर सरकारी हेलीकॉप्टर उतार रहे थे वह किसी से छिपा नहीं है। लेकिन अब जब बाबा केदारनाथ की कसम खाकर सीएम धामी ने प्रदेश के युवाओं से नकल माफिया को नेस्तनाबूत करने का कमिटमेंट किया है तब गैंगस्टर एक्ट के तहत जिनपर मुकदमा दर्ज हुआ हो वे भी आसानी से कैसे जमानत पाकर खुली हवा में सांस ले पा रहे?
सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक अब बेरोजगार युवा यही चिंता जाहिर कर रहे कि क्या जल्दी ही मुख्य आरोपी मूसा और हाकम सिंह भी जमानत पा जाएंगे? उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष और UKSSSC पेपर लीक कांड को जांच के दरवाजे तक लेकर जाने वाले बॉबी पंवार अब पूछ रहे हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाबा केदारनाथ की जो सौगंध खाई थी उसका क्या हुआ? पंवार का कहना है कि उत्तराखंड बेरोजगार संघ नकल रोधी कानून गठन की लंबे समय से मांग कर रहा है परंतु सरकार अभी तक भविष्य की भर्ती परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने वाला यह कदम नहीं उठा पाई है। बॉबी पंवार का आरोप है कि सरकार जांच के नाम पर लीपापोती कर रही है लिहाजा अगर हाईकोर्ट जाकर सीबीआई जांच की मांग का आदेश कराने की लड़ाई लड़नी पड़ी तो वह भी लड़ी जाएगी।
सवाल है कि अदालत में सरकारी पक्ष की दलीलें आरोपियों के लिए बेड़ियां क्यों नहीं बन पा रही हैं? आखिर आरोपियों की ताबड़तोड़ अरेस्टिंग से सीएम धामी को जो धाकड़ वाली इमेज बनी उसे बरकरार रखने के लिए आरोपियों को महज गिरफ्तार नहीं बल्कि सजा दिलाकर नकल माफिया के खिलाफ जंग को अंजाम तक लेकर जाना होगा वरना युवाओं का होता मोहभंग 2024 की चुनौती को और कठिन बना सकता है।
शुक्रवार को जिन नौ आरोपियों को अपर जिला जज चतुर्थ आशुतोष मिश्रा की अदालत से जमानत मिली उनमें चंदन मनराल, सूर्यवीर सिंह चौहान, कुलवीर सिंह, अंबरीश कुमार, राजवीर, दीपक चौहान, अजीत चौहान,विनोद जोशी और जगदीश गोस्वामी शामिल हैं। इन आरोपियों को जमानत देने का आधार यह बना कि एसटीएफ इनसे पैसे की रिकवरी नहीं कर पाई। पहले वाले आरोपियों को भी इसी आधार पर जमानत मिल गई थी।