देहरादून: हाल में केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया है कि इस साल दिसंबर आखिर तक देश में सभी 18+ लोगों का वैक्सीनेशन कर लिया जाएगा। लेकिन उत्तराखंड की वैक्सीनेशन की मौजूदा रफतार के साथ ये लक्ष्य हासिल करने में अगला साल भी लग जाएगा। दरअसल, उत्तराखंड में 18 + यानी व्यस्क आबादी करीब 66 लाख है और राज्य में 29लाख लोगों का टीकाकरण कर लिया गया है। ऐसे में पूरी आबादी का टीकाकरण करने के लिए राज्य को 1 करोड़ 31 लाख वैक्सीन डोज और चाहिए होंगे। कोरोना डेटा एनालिसिस कर रही देहरादून की एसडीसी फ़ाउंडेशन के अनुसार केन्द्र के बताये लक्ष्य के अनुसार उत्तराखंड को अपनी आबादी के अनुपात में रोजाना 49 हजार वैक्सीन डोज लगाने होंगे। अगले सात महीनों में हर दिन इस रफ्तार से टीकाकरण होने पर ही दिसंबर आखिर तक हम सबके टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त कर सकेंगे।
एसडीसी फ़ाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल कहते हैं कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी डेटा के मुताबिक उत्तराखंड को एक जून तक 29 लाख 32 हजार 50 ( 29,32,050) वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं। इसमें से अगर वैक्सीन के डबल डोज के आंकड़े को अलग करके देखें तो पता चलता है कि सात लाख लोगों को मिला है जो कुल पात्र आबादी का 11 फीसद होता है।अब अगर मौजूदा टीकाकरण रफ्तार की बात करें तो लक्षित 49 हजार/रोजाना वैक्सीनेशन के मुकाबले पिछले 137 दिनों में औसतन रोजाना 21 हजार 402 वैक्सीन डोज ही दिए गए। नौटियाल कहते हैं कि 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान के पिछले 137 दिनों का अध्ययन बताता है कि सरकार ‘वैक्सीन टू ऑल’ लक्ष्य हासिल करने के लिए खूब पसीना बहाना होगा।
जाहिर है इन आँकड़ों का विश्लेषण स्पष्ट कर देता है कि तीरथ सरकार को वैक्सीन कोटे के लिए केन्द्र सरकार के स्तर पर ज़ोरदार पैरवी करनी होगी। वो तब और जरूरी हो जाता है जब पता चलता है कि राज्य सरकार के ग्लोबल टेंडर को अब तक किसी भी वैक्सीन निर्माता कंपनी से खास रिस्पाँस नहीं मिल पाया है।