Dehradun: उत्तराखंड का अगला मुख्य सचिव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पसंद का आईएएस ऑफिसर होगा या फिर केंद्र सरकार अपनी तरफ़ से किसी नाम को तवज्जो देगी? यह सवाल और इससे जुड़ी अटकलबाज़ी राज्य के सत्ता गलियारे से लेकर नौकरशाही के बीच खूब चल रही हैं। सूबे की अठारहवीं और पहली महिला मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कार्यकाल इसी महीने की आख़िरी तारीख़ को समाप्त हो रहा है।
ज्ञात हो कि आईएएस राधा रतूड़ी इस साल के शुरू में राज्य की मुख्य सचिव बनी थी और उनके रिटायरमेंट के दो माह ही शेष थे लेकिन केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र उनको छह माह का एक्सटेंशन दे दिया था जो 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है। अगर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को दूसरा एक्सटेंशन नहीं मिलता है तो फिर वरिष्ठता क्रम में 1992 बैच के आईएएस एसीएस आनंद वर्धन प्रदेश के अगले मुख्य सचिव हो सकते हैं। आईएएस वर्धन जून 2027 में रिटायर होंगे।
हालाँकि चर्चा तेज है कि मुख्यमंत्री अपनी पसंदीदा आईएएस अधिकारी सीएस राधा रतूड़ी को ही एक और एक्सटेंशन दिलाना चाहेंगे। मुख्यमंत्री के सामने नगर निकाय चुनाव और केदारनाथ उपचुनाव हैं और वे नहीं चाहेंगे कि ब्यूरोक्रेसी का बॉस इस दौरान बदले! तर्क यह दिया जा रहा है कि सीएस राधा रतूड़ी सरल और साफ़ छवि की अफ़सर हैं लिहाज़ा मुख्यमंत्री उनको अभी अपनी टीम में बनाये रखने की भड़क कोशिश करेंगे। इसके लिए पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले मुख्य सचिव गौरी शंकर मिश्रा को एक के बाद के तीन एक्सटेंशन, पहले एक एक साल के दो एक्सटेंशन और फिर लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र छह माह का तीसरा एक्सटेंशन दिया गया। हालाँकि उत्तराखंड में राधा रतूड़ी से पूर्व मुख्य सचिव रहे डॉ सुखवीर सिंह संधु को छह माह का एक ही एक्सटेंशन दिया गया था।
ज़ाहिर है अगर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को अगर दूसरा एक्सटेंशन मिलता है तो यह दिल्ली दरबार में मुख्यमंत्री धामी की धमक का सबूत समझा जाएगा। वैसे एक अटकल यह भी सुझाई जा रही कि कहीं ऐसा तो नहीं कि राधा रतूड़ी को छह माह का एक्सटेंशन दिलाकर एसीएस रैंक में आते ही एसीएस आनंद वर्धन को बाइपास करते हुए प्रमुख सचिव आरके सुधांशु को ब्यूरोक्रेसी का बॉस बनाने की स्क्रिप्ट लिखी जा रही हो!