Uttarakhand News: पहले पहाड़ की बेटी अंकिता भंडारी के साथ जो दरिंदगी हुई और अब दिल्ली के छावला गैंगरेप और मर्डर केस में किरण नेगी के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरी कर दिए जाने के बाद न केवल उत्तराखंड की जनता में आक्रोश और दुख का मिश्रित भाव है बल्कि राजनीतिक सत्ता प्रतिष्ठान और विपक्षी नेताओं में भी गुस्सा और दर्द दिख रहा है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न केवल किरण नेगी का केस लड़ रही वकील से वार्ता की बल्कि देश के कानून मंत्री से भी पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके इसे लेकर वार्ता की। कल पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सीएम और सरकार से कानूनी मदद देने की अपील की थी। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किरण नेगी और अंकिता भंडारी के साथ हुई बर्बरता और दरिंदगी को लेकर सोशल मीडिया के जरिए बड़ी बात कही।
हरदा ने कहा है कि उत्तराखंड की बेटी किरन नेगी के साथ जिस तरह की दरिंदगी, सामूहिक रेप के बाद हत्या हुई जिसके बाद भले कोई भी कानूनी पेचीदगी रही हों लेकिन उसके अपराधियों को कुछ तो सजा मिलती! किरन नेगी गैंगरेप और हत्याकांड का जो हश्र हुआ उसे देखकर आशंका और चिंता जताई है कि कहीं ऐसा न हो कि कल को किरन के हत्यारों की तरह अंकिता के हत्यारे भी सबूतों के अभाव में पहले बेल और फिर बरी हो जाएं!
पूर्व सीएम रावत ने आरोप लगाया कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में सबूत मिटाए गए हैं यह साबित हो चुका है और आज तक इसका खुलासा नहीं हो सका है कि आखिर वह वीआईपी कौन था? हरीश रावत ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस के अवसर हम सभी राज्यवासियों को अंकिता भंडारी और किरन नेगी सहित इस तरह के जघन्य अपराध का शिकार हुई अपनी बेटियों को न्याय दिलाने के लिए अंकिता और किरन की आत्मा को साक्षी मानकर संकल्प लेना होगा।
यहां पढ़िए हुबहू हरदा ने आखिर कहा क्या-क्या है:
हर अपराध, मातृत्व के प्रति अपराध है और यदि वह बलात्कार है तो जघन्य है। वह नारी की आत्मा को मार देता है। #किरन_नेगी जो नजफगढ़ क्षेत्र में गैंगरेप का शिकार हुई 3 दिन तक और उसके बाद उसकी वीभत्स तरीके से हत्या की गई। आंखों में तेजाब डाला गया, गुप्तांग में तेजाब व बोतल डाली गई कितनी तड़पती होगी किरण बेटी! मानवता शर्मसार हुई थी, यह निर्भया हत्याकांड की तर्ज पर ही वीभत्सम हत्याकांड था। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपराधियों को रिहा कर दिया, सेशन जज और हाई कोर्ट के फैसले को बदल दिया! सुप्रीम कोर्ट का आदेश सुप्रीम है! मानवता और भगवान की शक्तियां उससे भी सुप्रीम हैं। हम तो मानवता और भगवान से प्रार्थना करते हैं क्योंकि जहां भी किरन की आत्मा होगी, वह हमसे सवाल कर रही है कि आखिर मेरी तो वीभत्सम हत्या हुई है! कानून की पेचीदगी कुछ भी कहती हो लेकिन मेरे हत्यारों को कुछ तो दंड मिलना चाहिए था?
उत्तराखंड की बेटी अंकिता की हत्या भी हमको बहुत चिंतित करती है! साक्ष्य नष्ट किए गए हैं जो अब साबित हो चुका है। क्या उस #VIP का पता लगेगा जिसके लिए अंकिता की हत्या हुई! बड़ा सवाल है? कहीं ऐसा न हो कि #AnkitaBhandari के हत्यारे भी इसी तरीके से पहले बेल और फिर बरी हो जाएं, साक्ष्य के अभाव में! हमारी उत्तरकाशी की बेटी, हमारी दलित परिवार की दो-तीन बेटियां इसी तरीके के वहशीपन बलात्कार की शिकार हुई हैं, उनकी आत्मा भी तो न्याय मांग रही है? आखिर न्याय कौन देगा, सरकार देगी और न्यायालय देगा!
पूरी व्यवस्था के सम्मुख यह प्रश्न है कि हम सब लोग अपने राज्य स्थापना दिवस के दिन यह संकल्प लें कि समाज में ऐसा व्यक्ति चाहे मेरा सहोदर ही क्यों न हो, हम उसको भी दंडित करवाने के लिए एकजुट होंगे। पलायन, बेरोजगारी, असंतुलित विकास आदि सब सवाल हैं, मगर उतना ही बड़ा सवाल यह भी है कि यह देवभूमि मानवीय मूल्यों की भूमि बनी रहे। आज आइए हम उसका संकल्प लें, किरन और अंकिता की आत्मा को साक्षी मानकर के लें।
हरीश रावत ,पूर्व मुख्यमंत्री
जय उत्तराखंड।। Uttarakhand