दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को चुनाव आयोग से मुलाक़ात कर पश्चिम बंगाल में ख़ाली छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की मांग करेगा। TMC सांसद सुदीप बंदोपाध्याय, सुखेंदु शेखर रॉय और डेरेक ओ ब्रायन सहित कई नेता आज चुनाव आयोग में दस्तक देंगें TMC लगातार तर्क दे रही है कि जब कोरोना की दूसरी लहर के प्रचंड प्रकोप में विधानसभा के चुनाव आठ चरणों में कराए गए थे तब अब को हालात काफ़ी क़ाबू में आ चुके हैं ऐसे में पूरे ऐतियात बरतते हुए उपचुनाव कराए जा सकते हैं।
दरअसल ममता बनर्जी प्रचंड बहुमत से सत्ता में आने के बावजूद नंदीग्राम सीट हार गई थी और अब संवैधानिक व्यवस्था के तहत मुख्यमंत्री बने रहने के लिए ममता बनर्जी को 5 नवंबर तक विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी। ममता भवानीपुर सीट से विधानसभा उपचुनाव लड़ना चाहती हैं लेकिन कोरोना के क़हर और मद्रास हाईकोर्ट से लगी कड़ी फटकार के बाद चुनाव आयोग उपचुनाव कराने से बच रहा है। लेकिन कोरोना के सुधरते हालात आयोग को मजबूर कर सकते हैं चुनाव कराने को क्योंकि इसके बाद TMC कानूनी पहलुओं पर भी विचार कर सकती है।
अब अगर चुनाव आयोग उपचुनाव के लिए तैयार हो जाता है तो बीजेपी नेतृत्व के उस दावे का क्या होगा जिसके तहत कोरोना और संवैधानिक वजह से चुनाव न हो पाने का तर्क देकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया था। तीरथ को नौ सितंबर तक विधानसभा की सदस्यता लेनी थी और पार्टी ने आयोग जाए बग़ैर तीरथ की छुट्टी कर ये मैसेज दिया कि कोरोना और संवैधानिक वजहों से उपचुनाव नहीं हो पा रहे थे।
अब ममता ने अपने उपचुनाव के लिए महाभारत छेड़ दी है और अगर वह आयोग से अदालत तक जाकर उपचुनाव कराने में कामयाब हो जाती हैं तब बीजेपी के लिए उत्तराखंड में चार माह में तीसरी बार नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जनता में जवाब देना और कठिन होगा।