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भाजपा ने बाउंसरों के सहारे प्रदेश मुख्यालय कर लिया सुरक्षित, पर टिकट बंटवारे के बाद सीट दर सीट भड़क रही बगावत की आग कैसे बुझेगी! कहीं मेयर का इस्तीफा तो कहीं बेटिकट विधायक ठोक रहे निर्दलीय चुनाव लड़ने की ताल, गंगोत्री से धारचूला तक सुनाई दे रहे बागी सुर

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देहरादून: सियासत में ऐसा नजारा कम ही देखने को मिलता है जब सत्ताधारी दल को टिकट बंटते ही अपने मुख्यालय को प्राइवेट बाउंसर हायर कर अभेद्य किला बनाने को मजबूर होना पड़ता है। उत्तराखंड भाजपा मुख्यालय पर ऐसा ही नजारा देखकर आज दिन भर मीडियाकर्मी बाउंसरों की तस्वीरें उतारते रहे और तैनाती का कारण पूछने पर नेता-पदाधिकारी बगले झाँकते रहे। खैर, कारण हम बता देते हैं कि टिकट बँटवारे के बाद नाराज नेता-कार्यकर्ता पार्टी दफ्तर में तांडव न मचा दें उससे बचाव करने को बाउंसर लगाने पड़े हैं। लेकिन 59 सीटों पर टिकटों के बँटवारे के बाद बगावत की जो खबरें आ रही उससे भाजपा कैसे निपटेगी ये कहीं ज़्यादा बड़ा प्रश्न है।

बगावत का झंडा सबसे ज्यादा बुलंद काशीपुर में हो रहा है, जहां भाजपा कार्यकर्ता सालों से विधायक हरभजन सिंह चीमा के लिए नारे लगा रहे थे अब पार्टी नेतृत्व ने उनके बेटे त्रिलोक सिंह चीमा का बस्ता उठाकर चलने को कह दिया है। नतीजा यह है कि सैंकड़ों की तादाद में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बगावत का झंडा उठा लिया है और उनको नेतृत्व काशीपुर मेयर ऊषा चौधरी और दूसरे नेताओं ने दे दिया है। मेयर ऊषा चौधरी सहित चार सौ भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बागी नेताओं ने पार्टी को दो टूक संदेश दे दिया है कि प्रत्याशी बदला जाए वरना निर्दलीय चुनावी ताल ठोकी जाएगी। कहा जा रहा है कि इस बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष खिलेंद्र चौधरी, अभिषेक गोयल, डॉ गिरीश चंद्र तिवारी, मोहन बिष्ट और गुरविंदर सिंह चंडोक आदि नेता मौजूद रहे।


काशीपुर के अलावा गदरपुर, किच्छा और नानकमत्ता में नाराजगी दिख रही है।
कपकोट में महाराष्ट्र राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के करीबी सुरेश गढ़िया को टिकट दिए जाने के बाद पूर्व विधायक शेर सिंह गढ़िया नाराज बताए जा रहे हैं। शेर सिंह गढ़िया के समर्थक सोशल मीडिया में भाजपा से दिए इस्तीफे के पत्र डाल रहे हैं। सोशल मीडिया में पूर्व विधायक शेर सिंह गढ़िया के बागी होकर चुनाव लड़ने की खबरें तैर रही हैं।कपकोट विधायक बलवंत सिंह भौर्याल का टिकट कटने से उनके समर्थक भी नाराज बताए जा रहे हैं।

भाजपा के लिए राहत की बात है कि पार्टी नेताओं ने गंगोलीहाट से टिकट कटने से नाराज विधायक मीना गंगोला को आखिरकार मना लिया है। लेकिन धारचूला में धन सिंह धामी को टिकट देने के बाद दूसरे दावेदार स्वामी विरेंद्रानंद नाराज हो गए हैं और उनके समर्थक इस्तीफे दे रहे हैं।
नैनीताल सीट पर कांग्रेस से आते ही सरिता आर्य को टिकट मिलने से दूसरे दावेदार हेम आर्य नाराज बताए जा रहे हैं।

अभी 11 सीटें होल्ड पर हैं और जिन 59 सीटों पर टिकट बँटे हैं वहाँ कई जगह बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं। गंगोत्री-यमुनोत्री से लेकर धारचूला तक ये तेवर देखे जा सकते हैं। थराली में मुन्नी देवी साह नाराज हैं तो कर्णप्रयाग विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी ने टिकट काटे जाने पर एकाध दिन में चुनाव लड़ने पर बड़ा फ़ैसला लेने का फेसबुक पर ऐलान कर दिया है।

कैंट, रायपुर, धर्मपुर से लेकर द्वाराहाट से नरेन्द्रनगर तक नाराजगी दिख रही है।
नरेन्द्र नगर से टिकट के दावेदार पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कांग्रेस में जाने का ऐलान कर दिया है। भीमताल में मनोज साह ने बागी तेवर अपना रखे हैं।

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लगातार बग़ावत की फैलती आग बुझाने को सीएम धामी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और तमाम कद्दावर नेताओं को झोंका गया है। फिलहाल बागी तेवर थमते नहीं दिख रहे हैं।

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