न्यूज़ 360

ख़ून से ख़त लिखा PM मोदी को: धामी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ तीर्थ-पुरोहितों का तीव्र आंदोलन, कांग्रेस, AAP का खुला समर्थन BJP बैकफ़ुट पर

Share now

देहरादून: कल्पना करिए मंज़र कि कुछ साल पहले जिस केदारनाथ धाम की एक गुफा में तपस्या करते प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरें वायरल हुई थी, बाबा के उसी धाम से अब प्रधानमंत्री मोदी के नाम ख़ून से लिखे ख़त की तस्वीर आ रही है। चारधाम देवस्थानम् बोर्ड एक्ट को 21 साल का सबसे बड़ा ऐतिहासिक क़दम बताकर चले गए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद पहले मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत और मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बोर्ड पर बुरी तरह घिर चुके गए हैं। विधानसभा चुनाव को चंद महीने शेष हैं और नए मुख्यमंत्री धामी का हाई पॉवर कमेटी बनाकर संशोधन करने वाला वादा भी प्रदेशव्यापी आंदोलन की हुंकार भरते पंडा पुरोहितों को शांत करने में नाकाम रहा है।
पंडा पुरोहित लगातार केदारनाथ धाम में धरना-प्रदर्शन कर आंदोलित हैं और अब 17 अगस्त से प्रदेश भर में धामी सरकार के ख़िलाफ़ हल्लाबोल है।

चारधाम के पंडा पुरोहतों ने देवस्थानम् बोर्ड भंग कराने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ख़ून से ख़त लिखकर दखल की मांग की है। अपने खून से ख़त में चारधाम में चली आ रही सनातन परंपराओं को बचाने की PM से गुहार की गई है।

​अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित युवा महासभा और श्री केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी के हस्ताक्षर वाले इस रक्त रंजित पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड बनाने का कदम सनातन धर्म की पौराणिक परंपराओं के ​साथ छेड़छाड़ है। ‘पुरोहितों के हक, हुकूकों के साथ जबरन खिलवाड़ किया जा रहा है, जो न्यायोचित नहीं है।’ तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने पीएम नरेन्द्र मोदी से दखल देकर बोर्ड को भंग करने की गुहार लगाकर धामी सरकार पर दबाव और बढ़ा दिया है।
सवाल है कि सीएम धामी ने 21 जुलाई को हाई पॉवर कमेटी बनाने की बात कही थी लेकिन उस पर अब तक घोषणा से आगे एक्शन नहीं हो सका उलटे तीर्थ-पुरोहित अब खुलकर कमेटी झुनझुना थमाने की बजाय 23 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र में बोर्ड भंग करने का मार्गप्रशस्त करने की मांग पर अड़े हैं।
तीर्थ-पुरोहितों की तरफ से धामी सरकार को मिल रही कड़ी चुनौती का असर यह है कि मुख्यमंत्री धामी ने दिल्ली दौड़ लगाकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मंथन करना जरूरी समझा है। अब बीजेपी के लिए चुनौती यह है कि एक तरफ दो साल पहले 57 विधायकों ने मेजें थपथपाकर देवस्थानम बोर्ड एक्ट को ऐतिहासिक बताया और अब कोर वोटर तबके की बढ़ती नाराजगी उसकी नींद उड़ा रही है। जबकि विपक्षी दलों कांग्रेस और आप ने बोर्ड भंग करने की मांग का पुरज़ोर समर्थन कर बीजेपी की पेशानी पर बल डाल दिया है।

uttarakhand news, char dham yatra, char dham board, uttarakhand politics, letter to pm, उत्तराखंड न्यूज़, चार धाम यात्रा, चार धाम बोर्ड विवाद, देवस्थानम ​बोर्ड विवाद
Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!