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BPSC Toppers: सुभाष चंद्र बोस का ये फैन बन गया BPSC टॉपर, 35 लाख का पैकेज ठुकराने वाली मोनिका बनी महिला प्रतियोगियों में टॉपर

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BPSC Toppers: बिहार लोक सेवा आयोग की 66वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के टॉपर वैशाली के सुधीर कुमार बने हैं। टॉपर कुमार ने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा में प्रथम रैंक हासिल कर दिखाया है। अपनी इस कामयाबी पर सुधीर कुमार ने कहा है कि कामयाबी के लिए दूसरा कोई शॉर्ट कट नहीं हो सकता है। आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले सुधीर कुमार सिविल इंजीनियर हैं और उनके पिता पोस्ट ऑफिस में कैशियर तथा मां गृहिणी हैं।
टॉपर्स टिप्स
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोई शॉर्ट कट खोजने की बजाय खुद पर भरोसा कर एनसीईआरटी और स्टैंडर्ड बुक्स और स्टडी मैटेरियल के साथ फोकस होकर तैयारी करनी चाहिए। सुधीर कुमार ने कहा है कि वैसे तो वे फेसबुक और इंस्टाग्राम आदि पर अकाउंट हैं लेकिन परीक्षा की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने के बाद सोशल मीडिया से दूरी होती चली गई।

टॉपर कुमार ने कहा कि उनका संकल्प दृढ़ रहता है और जब वे कुछ ठान लेते हैं तो उसमें जी जान से जुट जाते हैं। फिर चाहे 24 घंटे में 14 घंटे ही क्यों न पढ़ना पड़े। सुधीर कुमार कहते हैं कि उनके पसंदीदा व्यक्तित्व नेताजी सुभाष चंद्र बोस हैं और वे अपने विचारों पर अडिग रहते थे जो कि प्रेरित करता है।

बीपीएससी में महिलाओं की टॉपर मोनिका श्रीवास्तव ने परीक्षा में ओवरऑल छठी रैंक पाई है और वे महिला प्रतियोगियों में टॉपर बनी हैं। औरंगाबाद की रहने वाली मोनिका ने रोजाना 8 घंटे की ड्यूटी करते हुए सेल्फ स्टडी के जरिए पहले ही प्रयास में बीपीएससी टॉपर बनकर दिखाया है।

दरअसल आईआईटी गुवाहाटी से कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट मोनिका चेन्नई में 35 लाख के पैकेज पर जॉब कर रही थी। आठ घंटे की जॉब के साथ मोनिका ने रोजाना सात से आठ घंटे सेल्फ स्टडी की और पहले प्रयास में ही टॉपर बनीं। महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले राजा राम मोहन राय मोनिका श्रीवास्तव के पसंदीदा व्यक्तित्व हैं। टॉपर मोनिका ने अपनी मां से टाइम मैनेजमेंट सीखा क्योंकि वे स्कूल जाती हैं और फिर घर भी संभालती हैं। इसी ने जॉब के साथ सेल्फ स्टडी से परीक्षा पास करने का हौसला दिया।

बीपीएससी के कुल 685 सफल अभ्यर्थियों को देखते हैं तो कई और टॉपर्स को कामयाबी की कहानी प्रेरित करती हैं। इस परीक्षा में चौथी रैंक हासिल करने वाले अंकित कुमार की मां आंगनवाड़ी सेविका हैं, तो 10वीं रैंक पाने वाले आदर्श 9 साल एयरफोर्स में सेवा दे चुके हैं।

दूसरी रैंक पाने वाले अंकित कुमार नालंदा के अकबरपुर गांव के किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। अंकित के पिता उदय शंकर सिंह किसान हैं।

बीपीएससी के थर्ड रैंक होल्डर अररिया केब्रजेश झा को पिता के निधन के बाद मां ने ही पढ़ाया लिखाया और पटना एनआईटी से बीटेक कराया।

जबकि चौथी रैंक पाने वाले अंकित कुमार सिन्हा आंगनवाड़ी सेविका का बेटा है और मां मीना देवी को संघर्ष करते देख बड़ा आदमी बनने की ठानता है। सिविल की तैयारी कर रहे अंकित सिन्हा पिछले छह साल से सोशल मीडिया से दूरी बनाए हुए थे ताकि ध्यान न भटके।
वहीं पांचवीं रैंक पाने वाले सिद्धांत कुमार ने पहले प्रयास में बीपीएससी परीक्षा पास की है। उनके पिता हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं।
सातवीं रैंक पाने वाले विनय कुमार पटना में टारगेट 20 20 नाम से कोचिंग सेंटर चला रहे थे। आठवीं रैंक होल्डर सदानंद ने सेल्फ स्टडी से कामयाबी हासिल की है। पिता किसान हैं और उनकी पत्नी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। नौवीं रैंक हासिल करने वाले आयुष कृष्णा का लक्ष्य यूपीएससी पास करना है। इसलिए दिल्ली में रहकर यूपीएससी मेंस की तैयारी में जुटे हुए हैं।
जबकि 10वीं रैंक हासिल करने वाले अमर्त्य आदर्श बिहार के एक साधारण परिवार से आते हैं। अमर्त्य ने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और फिर एयरफोर्स में सिलेक्शन के बाद 9 साल 6 महीने तक सर्विस की।

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