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कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या का षड्यंत्र कहीं कोई गहरी साजिश तो नहीं!

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CM Pushkar Singh Dhami Cabinet Minister Saurabh Bahuguna’s murder conspiracy raised many questions: कल्पना करिए कि कोई हत्या की मंशा पाले शख्स कर्जा लेकर 20 लाख रुपए की सुपारी देगा ताकि उत्तराखंड सरकार में गन्ना विकास और पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या करा सके! क्या उत्तराखंड की धामी सरकार के मंत्री की जान का सौदा इस तरह इतनी आसानी से संभव हो सकता है? जैसा कि चार हत्या की साजिश रचने के आरोपियों को अरेस्ट करने के बाद खुलासा हुआ है।

खुलासा हुआ है कि पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा को जान से मारने की साजिश रची गई। मंत्री के प्रतिनिधि की तहरीर पर मुख्य आरोपी सहित चार आरोपियों को अरेस्ट किया गया है। हत्या के षड्यंत्र में एक तांत्रिक भी शामिल है जिसको हीरा सिंह नामक मुख्य आरोपी ने साढ़े 5 लाख रुपए एडवांस भी दे डाले थे।

इस साजिश का खुलासा ऐसे हुआ जब हत्या की साजिश के आरोपी अपने खतरनाक मंसूबे लेकर उनके आवास के आसपास मंडराने लगे जिसकी भनक लगने के बाद मंत्री के सितारगंज प्रतिनिधि ने तहरीर दी और चार हत्या के षड्यंत्रकारी दबोचे गए।

बताया गया है कि कैबिनेट मंत्री बहुगुणा की हत्या की साजिश चार महीने पहले हल्द्वानी जेल में रची गई थी। सिडकुल क्षेत्र में सरकारी जमीन कब्जाने के आरोपी हीरा सिंह को 13 अप्रैल को जेल भेज दिया गया था। जहां उसकी मुलाकात जेल काट रहे एक और अपराधी सतनाम सिंह उर्फ सत्ता से होती है। यहां अपने खनन आदि के अवैध धंधे बंद होने से खार खाए हीरा सिंह ने सतनाम के साथ मिलकर मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या की साजिश रच डाली।

हीरा ने साजिश में सतनाम के परिचित हरभजन सिंह को भी मिला लिया और फिर हरभजन ने किच्छा के तांत्रिक मो अजीज उर्फ गुड्डू से हीरा को मिलवाया। हीरा ने मंत्री बहुगुणा को रास्ते से हटाने या फिर अपने वश में करने के लिए एडवांस के तौर पर साढ़े 5 लाख रुपए भी दे दिए। इस बीच आरोपियों ने मंत्री के आवास की रेकी भी कर डाली और मुख्य आरोपी हीरा सिंह बहुगुणा के घर तक हो गया। सतनाम भी पैरोल पर जेल से बाहर आ गया और जिसके सितारगंज में होने की जानकारी मिल रही है।
मंत्री सौरभ बहुगुणा तीन अक्तूबर को अपने विधानसभा क्षेत्र सितारगंज के दौरे पर थे जहां उनको एक करीबी से इस तरह के षड्यंत्र की भनक मिली जिसके बाद पुलिस के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामला लाया गया और पुलिस हरकत में आई तो कई संदिग्ध दबोचे गए।

मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मांग की है कि इस मामले में साजिश का जल्द से जल्द पर्दाफाश होना चाहिए ताकि पता चल सके कि साजिश रचने वालों में कौन कौन शामिल हैं। उन्होंने कहा है कि पुलिस जांच के बाद हत्या की साजिश रचने वालों का खुलासा हो जाएगा।

बड़ा सवाल यह है कि क्या महज मुख्य आरोपी हीरा सिंह ने अपनी गिरफ्तारी और अवैध खनन कारोबार चौपट होने का जिम्मेदार मानते हुए मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या की सुपारी दे डाली?

अगर हत्या की साजिश रचने के पीछे यही वजह थी तो चिंताजनक बात यह है कि फिर तो आपराधिक तत्वों के हौसले इतने बुलंद हो चुके कि वे एक कैबिनेट मंत्री से मन का नहीं करा पाने पर उनकी जान के दुश्मन बन बैठेंगे! अगर ऐसा है तो यह राज्य के पुलिस तंत्र के लिए बड़ी चुनौती है कि वह अपराधियों में अपने खौफ का इकबाल इतना बुलंद करे कि वे दोबारा किसी मंत्री की हत्या की साजिश रचने से पहले सौ बार सोचें।

अगर बात इससे आगे बढ़ती है तो सवाल उठता है कि आखिर ये मुख्य आरोपी हीरा सिंह, हत्या की सुपारी लेने वाले अपराधी सतनाम सिंह उर्फ सत्ता और उस तांत्रिक के पीछे किसका हाथ है? वह कौन है जो सितारगंज में सौरभ बहुगुणा के बढ़ते जनाधार और धामी सरकार में मजबूत कद से खौफजदा है?

जाहिर है यह कुछ ऐसे पेचीदा सवाल हैं जिनका जवाब आना बेहद जरूरी है, वरना जनता के बीच बेदड़क जाते मुख्यमंत्री से लेकर तमाम मंत्री ऐसी किसी भी हत्यारी साजिश के शिकार हो सकते हैं। सवाल है कि क्या उधमसिंहनगर पुलिस ऐसे तमाम पहलुओं की तह तक जाकर पड़ताल करेगी या फिर चार हत्या की साजिश के आरोपी पकड़े गए और मामला यहीं तक समाप्त हो जाएगा।

आपराधिक लिहाज से उधमसिंहनगर जैसे सेंसटिव जिले में ऐसे षड्यंत्र का पर्दाफाश होना इशारा करता है कि कई अपराधी जेलों या जेल के बाहर से सक्रिय हैं और उनके लिए किसी मंत्री की सुपारी लेना या देना महज एक अगला टारगेट भर है।

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