चम्पावत: चंपावत उपचुनाव को लेकर अभी चुनाव आयोग ने बिगुल नहीं फूँका है लेकिन अपनी राजनीतिक पारी के लिहाज से ‘करो या मरो’ वाले इस चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मैदान में उतर चुके हैं। सीएम धामी बखूबी जानते हैं कि जब आपसी झगड़ों और गुटबाजी में मुख्य विपक्षी कांग्रेस उलझी हुई है, तब चम्पावत की जनता को साधने का यह अच्छा अवसर है।
चम्पावत से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर आए कैलाश गहतोड़ी के इस्तीफे के बाद सीएम धामी ने सीधे गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर जीत की मन्नत माँगी थी, अब 28 अप्रैल को टनकपुर गांधी मैदान में धामी अपनी धमक दिखाने को एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे। सीएम धामी बनबसा मिनी स्टेडियम में बनाए गए हैलीपैड से रोड शो के माध्यम से टनकपुर गांधी मैदान पहुँचेंगे। जाहिर है जब कांग्रेस कैंडिडेट को लेकर मंथन में उलझी है तब धामी जनता में मैसेज देकर बढ़त बना लेना चाहते हैं।
सीएम धामी की चुनावी फतह को लेकर भाजपा ने एक टीम भी मोर्चे पर लगा दी है। हालाँकि धामी का असल दारोमदार उनके लिए सीट छोड़ने वाले निवर्तमान विधायक कैलाश गहतोड़ी और प्रभारी मंत्री बनाए गए चंदन राम दास पर रहेगा। धामी की चुनावी जीत सुनिश्चित करने को गहतोड़ी ने पूरी ताकत भी झोंक रखी है और पूरा चुनाव उन्हीं को आगे कर मुख्यमंत्री लड़ना चाह रहे हैं। भले कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष करन माहरा ने दावा किया हो कि कांग्रेस हल्के में न लेकर उपचुनाव जीतने को उतरेगी लेकिन भाजपा धामी की बड़ी जीत कराने की व्यूहरचना बना रही है।
चुनावी जंग छिड़ने से पहले सीएम धामी ने अपने करीबी IAS नरेन्द्र सिंह भंडारी को डीएम के रूप में तैनात कर दिया है। डीएम भंडारी ने आज शाम टनकपुर पहुंचकर मोर्चा सम्भाल लिया है। वहीं भाजपा संगठन ने सीएम धामी की गुरुवार को हो रही रैली सफल बनाने को पूरी ताकत झोंक दी है। मकसद यही है कि उपचुनाव की जंग में पहली रैली को कामयाब बनाकर कांग्रेस को झटका दे दिया जाए। फिलहाल कांग्रेस के सामने चुनौती यही है कि लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव हारे पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल को ही मैदान में उतारा जाए या फिर किसी नए चेहरे पर दांव लगाया जाए।