देहरादून/जोशीमठ: त्रिवेंद्र राज में ऐतिहासिक बदलाव और 20 साल का सबसे क्रांतिकारी कदम बताकर लाया गया उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड तीरथ सरकार के लिए बड़े संकट का सबब बनता दिख रहा है। हाल में पर्यटन, संस्कृति और धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज के बयान ने आग में घी डालने का काम किया है जिसके बाद बोर्ड पर बवाल और बढ़ गया है। मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद तीरथ सिंह रावत ने बोर्ड पर पुनर्विचार का वादा किया था जिसके बाद से तीर्थ-पुरोहित और हक-हकूकधारी फैसले का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन महाराज के बयान के बाद बोर्ड पर बवाल तेज हो गया है।
बोर्ड को लेकर मुख्यमंत्री की चुप्पी और सरकार के रुख से ख़फ़ा होकर चारों धामों के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारियों ने 11 जून से काली पट्टी बाँधकर पूजा कराने का बड़ा ऐलान कर दिया है। अगर इसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो 15 जून को चारों धामों के तीर्थ पुरोहित सांकेतिक उपवास रखेंगे।20 जून को तीरथ सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन-यज्ञ किया जाएगा और 21 जून से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन की चेतावनी भी दे दी गई है।
शुक्रवार को ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति के अध्यक्ष उमेश सती के नेतृत्व में काली पट्टी बांधकर विरोध किया गया। इसी तरह चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों ने काली पट्टी बांधकर सरकार का विरोध किया है। ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति ने मंदिर प्रांगण में बैठकर काली पट्टी बांधकर बोर्ड का विरोध किया और यह निर्णय लिया गया अगर सरकार देवस्थानम बोर्ड को जल्द से जल्द नहीं करती तो आगे भी इसका जमकर विरोध किया जाएगा। उमेश सती, प्रदीप नौटियाल, आनंद सती,रोहित सती, मोहन नौटियाल, शरद नौटियाल गर्व सती आदि सम्मिलित थे।
जोशीमठ से पत्रकार नितिन सेमवाल